आगरा: अब क्यूआर कोड से लगेगा एसएन में ओपीडी का नंबर, स्कैन करते ही स्क्रीन पर होगी मरीज की जानकारी

Agra SN Medical College: आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी के लिए अब लंबी लाइन नहीं लगानी होगी। अब आभा एप के माध्यम से आसानी से अपना पर्चा बनवा सकते हैं। आभा एप से क्यूआर कोड स्कैन करना होगा। इसके बाद ई-हॉस्पिटल का टोकन नंबर मिल जाएगा। यहां से ओपीडी के काउंटर-4 पर टोकन नंबर बताकर अपना पर्चा ले सकते हैं।

Agra SN Medical College

क्यूआर कोड से स्कैन करते ही लगेगा एसएन में ओपीडी का नंबर

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • आगरा में मेडिकल कॉलेज में पर्चा बनवाने के लिए लाइन का झंझट खत्म
  • अब क्यूआर कोड से स्कैन करते ही लगेगा एसएन में ओपीडी का नंबर
  • करना होगा आभा एप डाउनलोड, नंबर बताओ पर्चा पाओ

Agra SN Medical College: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में अब सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज की ओपीडी एम्स जैसे बड़े अस्पतालों की तर्ज पर संचालित होगी। अब पंजीकरण खिड़की पर लाइन लगाने का झंझट खत्म हो जाएगा। अब मोबाइल से ही नंबर लग जाएगा। ऑनलाइन मिलने वाले टोकन नंबर से पर्चा बन जाएगा। इसके बाद मरीज को सीधे डॉक्टर को दिखा सकते हैं। दरअल, आपको अपने मोबाइल में आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) एप डाउनलोड करना होगा। इससे क्यूआर कोड स्कैन करके आपको ई-हॉस्पिटल का टोकन नंबर मिल जाएगा। ओपीडी के काउंटर संख्या 4 पर टोकन नंबर बताकर अपना पर्चा ले सकते हैं।

आपको बता दें कि ओपीडी की मौजूदा प्रक्रिया के अनुसार मरीज या तीमारदार को पंजीकरण केंद्र पर आना पड़ता है। यहां चार से छह काउंटर बने हैं। सभी काउंटर पर पर्चे बनाए जाते हैं। मरीज एक रुपया देकर नाम, पता, आधार कार्ड नंबर और बीमारी की जानकारी देता है।

‘क्यूआर’ कोड स्कैन करते ही आ जाएगी मरीज की जानकारीआपरेटर जानकारी को पर्चे में दर्ज करता है और संबंधित विभाग के लिए पर्चा बना देता है। इसके बाद ही मरीज डॉक्टर के पास जा सकता है। नई प्रक्रिया के अनुसार ‘आभा’ एप्लिकेशन को डाउनलोड करके मरीज ‘क्यूआर’ कोड स्कैन कर सकता है। क्यूआर कोड मोबाइल के जरिए आधार कार्ड तक पहुंच जाएगा। इसके बाद वहां से जानकारी ई-हॉस्पिटल में आ जाएगी। मरीज के मोबाइल पर आटोमैटिक एक टोकन नंबर पहुंचेगा। काउंटर पर सिर्फ टोकन नंबर और बीमारी के बारे में जानकारी देनी होगी। स्टाफ सिस्टम में उसे डालेगा तो मरीज का पूरा रिकॉर्ड आ जाएगा, वह बीमारी पूछकर संबंधित विभाग की ओपीडी का पर्चा मरीज को दे देगा। इससे मरीज के समय में बचत होगी।

पर्चा बनवाने के लिए अब घंटों लाइन में लगने की जरूरत नहींइस एप से सबसे बड़ा फायदा होगा कि मरीज खुद एप को लॉगइन करके अपनी हिस्ट्री की जानकारी कर सकता है। अस्पताल के पास भी उसकी पुरानी जानकारी पहले से होगी। इससे रोगी को परामर्श देने या इलाज करने में आसानी होगी। नष्ट होने, खराब होने का डर भी नहीं रहेगा। एसएनएमसी में अभी एप के परीक्षण चल रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो यह व्यवस्था पूरी तरह लागू कर दी जाएगी। टोकन के लिए अलग से एक या दो काउंटरों की व्यवस्था पर भी विचार चल रहा है। एसएनएमसी प्राचार्य डा. प्रशांत गुप्ता ने बताया आभा एप को केंद्र सरकार की तरफ से मरीजों की सुविधा के लिए विकसित किया है। वर्तमान व्यवस्था में मरीज ओपीडी में दिखाने के लिए आते हैं तो मरीज या तीमारदार को पहले पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लगना पड़ता है। पर्चा बनाने में स्टाफ को अपेक्षाकृत समय भी ज्यादा लगता है। इस व्यवस्था में मरीज या तीमारदारों को पर्चा बनवाने के लिए घंटों लाइन में लगने की आवश्यकता नहीं है। हम ओपीडी का 50 प्रतिशत या इससे ज्यादा बोझ कम कर सकते हैं।

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