Agra: लैब में खून से सनी थी आगरा की नेहा की लाश और अस्‍त-व्‍यस्‍त थे कपड़े, पूर्व IAS के भांजे ने पीछे से आकर किया था...

Neha Sharma Murder Case Agra: 15 मार्च, 2013 को आगरा में बायोटेक पीएचडी स्कॉलर नेहा शर्मा के मर्डर से सनसनी मच गई थी। पूर्व आईएएस के भांजे ने लैब टैक्नीनिशयन के साथ मिलकर रेप (Rape) की कोशिश की और वारदात (Murder) को अंजाम दिया था, जानें कैसे-

Agra: लैब में खून से सनी थी आगरा की नेहा की लाश और अस्‍त-व्‍यस्‍त थे कपड़े, पूर्व IAS के भांजे ने पीछे से आकर किया था...

Neha Sharma Murder Case Agra: 15 मार्च, 2013 को शाम सात बजे आगरा पुलिस के कंट्रोल रूम में सूचना मिली कि दयालबाग इलाके (Dayal Bagh Agra) में एक लाल रंग की ऑल्‍टो कार काफी देर से खड़ी है। पुलिस (Agra Police) पहुंची तो कार लॉक थी, कुछ देर बाद बीट सिपाही ने चाबी वाले को बुला और कार का दरवाजा खुल पाया। ड्राइविंग सीट की बगल वाली सीट पर एक कागज था जिसपर एक नंबर लिखा था। सिपाही ने इस नंबर पर फोन किया तो पैरों तले जमीन खिसक गई। यह कार ऋषि पाल शर्मा की थी जो राधास्‍वामी संप्रदाय से जुड़े थे। इस कार को उनकी 23 साल की बेटी नेहा शर्मा चलाती थीं जोकि सुबह कॉलेज गई थी और अब तक घर नहीं लौटी।

जानकारी करने पर पता चला कि नेहा शर्मा दयालबाग एजुकेशनल इंस्‍टीट्यूट (Dayalbagh Educational Institute) से पीएचडी कर रही थी और रोज पांच बजे तक घर आ जाती थी लेकिन आज उसकी कोई खबर नहीं है। नेहा की मां का बुरा हाल था। उन्होंने बताया कि छह बजे तक बेटी के नंबर पर 50 बार फोन किया लेकिन किसी ने रिसीव नहीं किया। एक बार फोन उठा तो किसी लड़के ने बताया कि नेहा दीदी तो सदर बाजार गई हैं और फोन कट गया। इसके बाद दोबारा बात हुई तो लड़के ने बताया कि नेहा दीदी मूवी का टिकट लेने के लिए लाइन में खड़ी हैं, इसलिए अपना मोबाइल उन्‍होंने मुझे दे दिया है। इसके बाद फोन बंद हो गया।

एक 23 साल की लड़की के गायब हो जाने की खबर संदिग्ध लग रही थी और इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आगरा के सारे बड़े पुलिस अफसर मौके पर पहुंच गए। रिश्तेदारों-दोस्तों को फोन किये गए तो कोई सुराग हाथ नहीं लगा। किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि जिस नेहा की वो तलाश कर रहे हैं, वो अब इस दुनिया में नहीं है।

लैब का लगा सुराग

पुलिस ने जांच और पूछताछ शुरू की तो पता चला कि नेहा आखिरी बार कॉलेज की नैनो बायोटेक लैक की ओर जाती हुई देखी गई थी। एम फिल के बाद वह नैनो बायो टेक्नोलॉजी में रिसर्च कर रही थी। पुलिस के आला अधिकारी लैब पहुंचे तो ताला बंद था। पुलिस ने ताला तोड़ा तो अंदर का नजारा देखकर हर कोई सहम गया। अंदर का मंजर होश उड़ाने वाला था। फर्श पर नेहा की लाश पड़ी थी और आसपास खून ही खून। नेहा की सलवार घुटनों तक उतरी हुई थी, मुंह में मुंह में रूमाल ठूंसा हुआ और हाथ पीछे की ओर बंधे हुए थे। शरीर पर नुकीले औजार से काटने के निशान थे। पुलिस ने मौके से सबूत इकट्ठा करने के बाद लैब को सील कर दिया। साफ लग रहा था जैसे उसके साथ रेप (Rape Case) हुआ है या कोशिश की गई।

बनाई गई पुलिस की टीम

निर्भया कांड का गुस्सा ठंडा नहीं हुआ था और आगरा में ये घटना हो गई। आईजी जोन और डीआईजी रेंज ने मिलकर पुलिस अफसरों की एक बड़ी टीम बनाई और मामले की जांच तेज की। 15 दिन बाद भी पुलिस के हाथ कोई ठोस सबूत नहीं लग पाया था। कुछ समय बाद पुलिस को पता चला कि दयाल एजुकेशनल इंस्‍टीट्यूट के चेयरमैन जो कि पूर्व आईएएस भी हैं, उनका एक भांजा है उदय स्‍वरूप। वह लैब में आता जाता है। वह अपने मामा के दम पर दबंगई दिखाता है। पुलिस ने जब उदय स्‍वरूप को थाने में पूछताछ के लिए बुलाया तो सिफारिशी फोन आने लगे। पूछताछ में उसने बताया कि वह नेहा को जानता ही नहीं है। उदय के खिलाफ कोई सबूत भी नहीं मिला था और इस वजह से उसे छोड़ दिया गया। पोस्‍टमॉटर्म रिपोर्ट में पता चला कि नेहा की हत्‍या से पहले उसे क्‍लोरोफॉर्म सुंघाकर बेहोश किया गया। बलात्‍कार हुआ या नहीं, ये स्पष्ट नहीं हुआ।

पुलिस ने फिर खोली लैब

जब पूछताछ में कुछ हाथ नहीं लगा तो पुलिस 15 दिन बाद 29 मार्च को फिर लैब पहुंची। करीब ढाई घंटे तक पुलिस ने जांच की और कूड़ा करकट, धूल आदि इकट्ठा की। फोरेंसिक लैब में इन सब चीजों की बहुत बारीकी से जांच की गई तो कुछ बाल मिले। यह बाल महिला और पुरुष दोनों के थे। पुलिस ने बालों के मिलान के लिए उदय स्वरूप के कपड़े मांगे। काफी जद्दोजहद के बाद उसके घरवालों ने कपड़े दिए। फॉरेंसिक लैब में उसके कपड़ों में से प्‍यूबिक हेयर्स यानी गुप्‍तांग के बाल मिले। इन प्‍यूबिक हेयर्स को बायो टेक्नोलॉजी लैब में मिले बाल से मैच कराया गया तो दोनों मैच हो गए। पुलिस का शक यकीन में बदल गया कि नेहा शर्मा के मर्डर में उदय स्‍वरूप का ही हाथ है।

लैब टेक्नीशियन के साथ मिलकर की वारदात

इसी बीच पुलिस को पता चला कि वारदात वाले दिन नेहा की कार लैब टेक्निशियन यशवीर संधू चला रहा था। पुलिस ने यशवीर को उठा लिया और सख्ती के पूछताछ के दौरान उसके घटना बताई। 15 मार्च, 2013 को संधू ने उदय को फोन कर बताया कि आज लैब में नेहा अकेली है। इसके बाद उदय क्‍लोरोफॉर्म की शीशी लेकर आया और पीछे से रुमाल पर क्‍लोरोफॉर्म लगाकर नेहा को बेहोश कर दिया। नेहा बेहोश होकर फर्श पर गिर गई तो उदय ने उसके मुंह में रुमाल ठूंस दिया। उदय ने उसके हाथ बांधे और सलवार उतारने की कोशिश की। नेहा पूरी तरह बेहोश नहीं थी तो उसने हरकतों का कड़ा प्रतिरोध किया। इसके बाद उदय ने उसे चोट पहुंचाई और मार डाला।

कातिल ने किया कुबूल

मर्डर के 39 दिनों बाद 23 अप्रैल, 2013 में इस घटना का खुलासा हुआ और साल 2015 में दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल हुई। पुलिस ने कड़ाई से उदय से पूछताछ की तो वह टूट गया और उसने नेहा को मारने की बात कुबूल की। उदय नेहा से बात करना चाहता था लेकिन नेहा उसे भाव नहीं देती थी। इस बात से वह खफा था। इस घटना से पूरा आगरा शहर दहल गया था। उदय स्‍वरूप और यशबीर संधू 9 सालों से जेल में बंद हैं। फिलहाल मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है।

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कुलदीप राघव author

कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बुलंदशहर जिले के छोटे से कस्बे खुर्जा का रहने वाला ह...और देखें

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