Ahmedabad News : भगवान नहीं करेंगे माफ, ऐसा क्यों बोला गुजरात हाईकोर्ट, बेजुबानों की बलि पर सुनाई खरी खरी

गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि लोगों की सुविधा के लिए निर्दोष पशुओं की बलि नहीं दी जा सकती।

गुजरात उच्च न्यायालय

अहमदाबाद: हिंदुस्तान में अंधविश्वास की परंपरा कोई नहीं नहीं। यहां इंसान अपने स्वार्थ के लिए जानवरों की हत्या करने से चूकते है। यही कारण है कि गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि लोगों की सुविधा के लिए निर्दोष पशुओं की बलि नहीं दी जा सकती। अदालत ने यह टिप्पणी आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार की नीति के तहत मवेशी बाड़े में रखी गई 30 गायों की मौत पर सुनवाई के दौरान की।

न्यायमूर्ति आशुतोष शास्त्री और न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक की पीठ ने कहा कि नडियाद नगर निगम की जमीन पर गायों के अवशेषों को फेंकने की तस्वीर बहुत व्यथित करने वाली और चौंकाने वाली थी। अदालत ने नडियाद निवासी मौलिक श्रीमाली द्वारा दाखिल अदालत की अवमानना की याचिका में दायर एक हलफनामे को रिकॉर्ड पर लिया जो मवेशियों की समस्या को रोकने के लिए निर्देश देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका से संबंधित थी।

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