ये नूर कहां से आया : अल्मोड़ा ही नहीं देश की शान हैं प्रसून जोशी, 'रहना तू... है जैसा तू...'

आज City ki Hasti में एक ऐसे शख्स की कहानी, जिन्होंने फिल्मी गानों में कविता की मिठास को फिर से घोला। ऐसे ऐसे शख्स की कहानी, जिसका जन्म तो पहाड़ों में हुआ, लेकिन उसने देश की माटी को इस तरह से समझा और परखा कि उसका एक-एक विज्ञापन और गीत लोगों की जुबां पर चढ़ गया। चलिए जानते हैं प्रसून जोशी की कहानी -

प्रसून जोशी की कहानी

मन के अंधेरों को रौशन सा कर दे... ठिठुरती हथेली की रंगत बदल दे...

मेरे दिल पर फतेह लहराने, मेरी रूह को भिगाने... ये नूर कहां से आया... इस बात को अल्लाह जाने

कैसे मुझे तुम मिल गईं... किस्मत पे आए न यकींन...

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