Amarnath Yatra: उत्साहित भक्त जोर-शोर से कर रहे बाबा बर्फानी के दर्शन, 8 दिनों में 1.59 लाख का आंकड़ा पार

बाबा बरफानी के दर्शन के लिए 6,145 यात्रियों का एक और जत्था आज जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए रवाना हुआ। भारी बारिश के कारण चल रही यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई थी। लेकिन शनिवार को 7 हजार 500 लोगों ने दर्शन किए, जिससे कुल श्रद्धालुओं की संख्या 1.59 लाख हो गई-

amarnath yatra

अमरनाथ यात्रा

मुख्य बातें
  • अबतक 1.59 लाख भक्तों ने किए दर्शन
  • भक्तों का एक और जत्था रवाना
  • शनिवार को 500 लोगों ने किए दर्शन

Amarnath Yatra: बाबा बरफानी के दर्शन के लिए 6,145 यात्रियों का एक और जत्था आज जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए रवाना हुआ। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी)के अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में अमरनाथ मंदिर में पिछले आठ दिनों में 1.59 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए। हालांकि, भारी बारिश के कारण चल रही यात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई थी। लेकिन शनिवार को 7 हजार 500 लोगों ने दर्शन किए, जिससे कुल श्रद्धालुओं की संख्या 1.59 लाख हो गई।

6,145 यात्रियों का एक और जत्था रवाना

अधिकारियों ने बताया, "भारी बारिश और फिसलन भरे रास्तों के कारण कल यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था। फिर भी 7,500 तीर्थयात्रियों ने पवित्र गुफा मंदिर के अंदर 'दर्शन' किए। 6,145 यात्रियों का एक और जत्था आज जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए रवाना हुआ।" अधिकारियों ने बताया, "पहला सुरक्षा काफिला सुबह 3.10 बजे 115 वाहनों में 2,697 यात्रियों को लेकर उत्तर कश्मीर के बालटाल आधार शिविर के लिए रवाना हुआ।

बारिश के कारण मुश्किल हुआ सफर

दूसरा सुरक्षा काफिला सुबह 3.42 बजे 123 वाहनों में 3,448 यात्रियों को लेकर दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) आधार शिविर के लिए रवाना हुआ "मौसम विभाग ने दोनों यात्रा मार्गों पर आंशिक रूप से बादल छाए रहने और दिन में रुक-रुक कर हल्की बारिश की संभावना जताई है। श्रद्धालु या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग से यात्रा करते हैं या फिर 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यात्रा करते हैं।

भक्तों के लिए जरूर इंतजाम

पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग गुफा मंदिर के अंदर 'दर्शन' करने के बाद उसी दिन आधार शिविर लौट आते हैं। दोनों मार्गों पर और पार गमन शिविरों ताथ गुफा मंदिर में 124 से अधिक लंगर (सामुदायिक रसोई) बनाये गए हैं। इस साल की यात्रा के दौरान 7 हजार से ज्यादा सेवादार यात्रियों की सेवा कर रहे हैं। दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

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Maahi Yashodhar author

माही यशोधर Timesnowhindi.com में न्यूज डेस्क पर काम करती हैं। यहां वह फीचर, इंफ्रा, डेवलपमेंट, पॉलिटिक्स न्यूज कवर करती हैं। इसके अलावा वह डेवलपमेंट क...और देखें

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