Amarnath Yatra: पांच दिनों में 1 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन, किए गए ये खास इंतजाम

बाबा बर्फानी के द्रशन के लिए एक और जत्था दर्शन के लिए आज गुरूवार को रवाना हुआ। अमरनाथ धाम की यात्रा 29 जून को शुरू की गई थी। पहले दिन से आज तक 1 एक लाख यात्री बाबा के दर्शन कर चुके हैं। वहीं भक्तों के सुरक्षा के लए खास इंतजाम भी किए गए ताकी उनकी यात्रा सुगम बनाया जा सके-

amarnath yatra

अमरनाथ यात्रा

Amarnath Yatra: बाबा बरफानी के दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों का एक और जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ। अमरनाथ यात्रा के पहले पांच दिनों में रिकॉर्ड तोड़ एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन किए। वहीं गुरुवार को 5,696 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ। यात्रा का प्रबंधन करने वाले श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों ने बताया कि 29 जून को यात्रा शुरू होने के बाद से एक लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

एक और जत्था दर्शन के लिए रवाना

उन्होंने कहा, 'आज 5696 यात्रियों का एक और जत्था जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए रवाना हुआ। इनमें से 2028 यात्री 97 वाहनों के सुरक्षा काफिले में सुबह 3.13 बजे उत्तरी कश्मीर के बालटाल बेस कैंप के लिए निकले। वहीं 3,668 यात्री 122 वाहनों के सुरक्षा काफिले में सुबह 3.40 बजे दक्षिण कश्मीर के नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुए।''

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दर्शन के लिए करनी होती है इतनी लंबी यात्रा

बता दें कि पिछले वर्ष यात्रा के पहले पांच दिनों में लगभग 50,000 तीर्थ यात्री मंदिर पहुंचे थे। मौसम विभाग ने दोनों यात्रा मार्गों पर आमतौर पर बादल छाए रहने और दिन में हल्की बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान जताया है। अमरनाथ यात्रा में यात्री या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग से यात्रा करते हैं या फिर 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यात्रा करते हैं।

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भक्तों के लिए किए गए खास इंतजाम

पहलगाम मार्ग से जाने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग दर्शन करने के बाद उसी दिन बेस कैंप में लौट आते हैं। इस वर्ष लगभग 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग में दोनों यात्रा मार्गों पर दो बेस कैंप और पवित्र गुफा मंदिर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। ताकि बिना किसी दुर्घटना के यात्रा को सुचारु रूप से संपन्न कराया जा सके।

7000 से अधिक सेवादार कर मैजूद

दोनों मार्गों पर तथा पार गमन शिविरों और गुफा मंदिर के पास 124 से अधिक लंगर (सामुदायिक रसोई) स्थापित किए गए हैं। इस वर्ष की यात्रा के दौरान 7,000 से अधिक ‘सेवादार’ (स्वयंसेवक) यात्रियों की सेवा कर रहे हैं। इसके अलावा दोनों मार्गों पर यात्रियों के लिए हेलिकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

(इनपुट- भाषा)

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Maahi Yashodhar author

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