Ancient Hanuman Temple: यहां पन्नी बांधने से पूरी होती है सारी मुराद, गुफा वाले हनुमान जी की अद्भुत कहानी
भारत में कई चमत्मकारी मंदिरें हैं, उन्हीं में से एक है सागर स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर। यहां दूर-दूर से भक्त बजरंबली के दर्शन के लिए पहुंतचे हैं। आइए इस मंदिर के इतिहास के बारे में जानते हैं।
प्राचीम हनुमान मंदिर
भारत में वैसे तो कई चमत्कारी मंदिर हैं। जिनकी मान्यता दूर-दूर तक फैली हुई है। इन मंदिरों में से ही एक सागर के गुफाओं वाला प्राचीन चमत्कारी हनुमान मंदिर है। मान्यताओं के अनुसार गुफाओं की ही साफ-सफाई के दौरान यहां हनुमान जी की प्रतिमा मिली थी। बाताया जाता है कि यह हनुमान जी की यह प्रतिमा इस गुफा में लगभ 110 साल पहले स्थापित की गई थी। यहां की गई भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। यही वजह है कि यहां दूर-दूर लोग बजरंगबली के दर्शन करने पहुंचते हैं।
गुफाओं वाले हनुमान मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि यहां भगवान के सामने हाथों में नारियल लेकर प्रार्थना करने से मनोकामना पूर्ण होती है। साथ ही यह भी मान्यता है कि मांगी गई मुराद पूरी होने पर यहां केमनौती पूरी होने के बाद यहां 24 से 48 घंटे के अंदर ही अखंड कीर्तन करना होता है। वहीं महिलाओं द्वारा यहां पन्नी की गांठ बांधने की भी परंपरा है।
खूबसूरत है गुफाओं वाला मंदिर
लाल बलुआ पत्थर की गुफाओं में मंदिर बना है, जिसकी प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। वहीं खूबसूरत मंदिर के बाहर से नदी बहती है और नदी के दोनों तरफ अर्जुन के पेड़ लगे हुए हैं। दोनों तरफ बड़ेृ-बडे चट्टान होने से इस मंदिर की बनावट देखने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। मंदिर का मनमोहक और शांत वातारवरण यहां पहुंचे लोगों के मन को असीम सुकून प्रदान करता है।
यहां माता गौरी ने की थी तपस्या
यह मंदिर सिद्ध संत हरे राम महाराज की तपोभूमि है। इस मंदिर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित गौरी दांत पहाड़ी है। मन्याताओं है कि यहां माता गौरी ने तपस्या की थी। जिनकी सुरक्षा के लिए जामवंत और हनुमान भी यहां की गुफाओं में रहते थे। मंदिर से करीब 500 मीटर की दूरी पर यहां पर 12000 साल पुराने शैल चित्र भी पाए गए हैं, जो मानव विकास की कहानी बयां करते हैं।
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