Guwahati Ring Road: ईस्ट-वेस्ट के बीच खत्म होने वाली हैं दूरियां, 121KM लंबे रिंग रोड से कनेक्ट होंगे असम-बंगाल

Assam: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने असम और बंगाल को जोड़ने के लिए बड़ी घोषणा की है। कैबिनेट ने 5,729 करोड़ रुपये की लागत वाली 121 किलोमीटर लंबी गुवाहाटी रिंग रोड परियोजना को मंजूरी दी है। इस प्रोजेक्ट को को बिल्ड-ऑपरेट-टोल (BOT) मॉडल के तहत विकसित किया जाएगा, जिसमें तीन मुख्य घटक (3 Major Components) शामिल हैं।

Guwahati Ring Road

प्रोजेक्ट में 5,729 करोड़ रुपये की आएगी लागत। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Guwahati Ring Road project: असम में परिवहन में क्रांति लाने के उद्देश्य से केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ी घोषणा की है, आर्थिक मामलों की समिति ने एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना के विकास को मंजूरी दे दी है। 5,729 करोड़ रुपये की कुल लागत से 121 किलोमीटर लंबी नई गुवाहाटी रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा। इस पहल को बिल्ड-ऑपरेट-टोल (BOT) मॉडल के तहत क्रियान्वित किया जाएगा और इसमें तीन प्रमुख घटक शामिल हैं।

121 किमी. लंबे रिंग रोड से कनेक्ट होंगे असम-बंगाल

इस परियोजना में 56 किलोमीटर लंबे 4-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड उत्तरी गुवाहाटी बाईपास का निर्माण, एनएच 27 पर मौजूदा 4-लेन बाईपास को 8 किलोमीटर में 6 लेन तक चौड़ा करना और एनएच 27 पर मौजूदा बाईपास के शेष 58 किलोमीटर में सुधार करना शामिल है। इस परियोजना में एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त ब्रह्मपुत्र नदी पर एक प्रमुख पुल है, जो पूरे क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा।

किन शहरों और कब्बों तक पहुंच में होगी आसानी

गुवाहाटी रिंग रोड का कार्य एक बार पूरा हो जाने पर राष्ट्रीय राजमार्ग 27 (NH 27) पर लंबी दूरी के यातायात के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा, जो कि ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का एक प्रमुख मार्ग है। इससे गुवाहाटी के आसपास के प्रमुख राजमार्गों पर भीड़भाड़ कम होने की उम्मीद है, जिससे सिलीगुड़ी, सिलचर, शिलांग, जोरहाट, तेजपुर, जोगीगोफा और बारपेटा जैसे महत्वपूर्ण शहरों और कस्बों तक पहुंच में सुधार होगा।

50,655 करोड़ रुपये की 8 रोड कॉरिडोर को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लॉजिस्टिक क्षमता और संपर्क सुविधा बढ़ाने के लिए शुक्रवार को 50,655 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली 936 किलोमीटर लंबी आठ राष्ट्रीय हाई-स्पीड सड़क गलियारा परियोजनाओं को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान के मुताबिक, इन आठ परियोजनाओं के कार्यान्वयन से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से लगभग 4.42 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित होंगे।

मंत्रिमंडल की स्वीकृति पाने वाली परियोजनाओं में छह लेन का आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा, चार लेन का खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा और छह लेन का थराद-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा शामिल है। इनके अलावा चार-लेन वाले अयोध्या रिंग रोड, रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा के पत्थलगांव और गुमला के बीच चार-लेन वाले खंड और छह-लेन वाले कानपुर रिंग रोड को भी मंत्रिमंडल की स्वीकृति मिली है।

किस प्रोजेक्ट के लिए कितनी लागत को मंजूरी?

प्रोजेक्टलागत
88 किलोमीटर लंबा आगरा-ग्वालियर राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा4,613 करोड़ रुपये
खड़गपुर-मोरग्राम राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा10,247 करोड़ रुपये
थराद-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा10,534 करोड़ रुपये
अयोध्या रिंग रोड3,935 करोड़ रुपये
रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा4,473 करोड़ रुपये
कानपुर रिंग रोड3,298 करोड़ रुपये
121 किलोमीटर लंबा गुवाहाटी रिंग रोड5,729 करोड़ रुपये
पुणे के पास 30 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड नासिक फाटा-खेड़ गलियारा7,827 करोड़ रुपये
ग्वालियर रिंग रोड से जुड़ी सबसे खास बात

छह लेन गलियारे के रूप में 'बनाओ-चलाओ-सौंपो' (बीओटी) मॉडल पर ग्वालियर रिंग रोड को विकसित किया जाएगा। बयान के मुताबिक, 121 किलोमीटर लंबे उत्तरी गुवाहाटी बाईपास और मौजूदा गुवाहाटी बाईपास के चौड़ीकरण/सुधार का काम तीन खंडों में 5,729 करोड़ रुपये की कुल पूंजी लागत से बीओटी मॉडल पर किया जाएगा। परियोजना के तहत ब्रह्मपुत्र नदी पर एक प्रमुख पुल का भी निर्माण किया जाएगा।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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