Ayodhya Bypass: रामनगरी से लखनऊ, बस्ती और गोंडा का सफर होगा आसान; अयोध्या में बनेगा 68 KM लंबा बाईपास

Ayodhya Bypass: भारत में रोड कनेक्टिविटी को और बेहतर करने के लिए कई हाईवे और एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। सरकार ने आने वाले समय में और कई प्रोजोक्ट को मंजूरी दी है। इनमें 8 नए नैशनल हाइवे हैं। ये हाइवे देश के अलग-अलग शहरों से कनेक्ट करेंगे। आइए अयोध्या बाईपास के बारे में जानते हैं-

अयोध्या 68km बाईपास

Ayodhya Greenfield Bypass: देशभर में रोड कनेक्टिविटी को और सुगम बनाने के लिए 8 नए नैशनल हाइवे को मंजूरी मिल गई है। इन प्रोजेक्ट्स में 68Km का अयोध्या बाईपास भी शामिल है। इस 68 किलोमीटर लंबी 4 लेन अयोध्या रिंग रोड 3935 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा। यह रिंग रोड़ शहर के गुजरने वाले नैशनल आइवे जैसे NH 27, NHA, NH330, NH330 A, NH 135A पर भीड़ भाड़ को कम करेगा। इसके तैयार हो जाने के बाद राममंदिर जाने वाले तीर्थ यात्रियों का सफर आसान हो जाएगा। अयोध्या और आस-पास के इलाकों में भीड़भाड़ की स्थित हो सुगम बनाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्क मंत्रालयल ने 68km ग्रीनफील्ड पाईपास के निर्माण के लिए मंजूरी मांगी थी। राम मंदिर के उद्घाटन के बाद अयोध्या और इसके आसपास के इलाकों में आने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ गई है, इसके साथ-साथ मालवाहक वाहनों की आवाजाही भी पहले से ज्यादा हो गई है। जिसे ध्यान में रखकर उत्तरी और दक्षिण अयोध्या बाईपास की परिकल्पना की गई थी। अनुमान के मुताबिक आने वाले साल 2033 में यातायात का आंकड़ा हर एक दिन का 89,023 होगा। वहीं, इसके बढ़कर 2.17 लाख प्रतिदिन होने की संभावना भी है। इस बाईपास को पीपीपी मोड पर बनाया जाएगा, जिसके निर्माण को मंजूरी दे दी गई है।

अयोध्या बाईपास परियोजना लागत

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 3,935 करोड़ रुपये की लागत से 68 किलोमीटर लंबे अयोध्या बाईपास प्रोजेक्ट के निर्माण की योजना बना रहा थे। बता दें कि अयोध्या बाईपास परियोजना 68 किलोमीटर लंबी ग्रीनफील्ड परियोजना है, जो लखनऊ, बस्ती और गोंडा जिलों को कवर करेगी। इस बाईपास परियोजना में 35.40km की कुल लंबाई और 4/6 लेन उत्तरी अयोध्या बाईपास का निर्माण और 32.172km की कुल लंबाई के साथ 4/6 लेन दक्षिणी अयोध्या बाईपास का निर्माण शामिल है। यह परियोजना इन तीन जिलों में पर्यटक और तीर्थ स्थलों के साथ ही आर्थिक, सामाजिक और रसद नोड्स तक कनेक्टिविटी में सुधार की सुविधा प्रदान करेगी।

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