Ayodhya Ram Mandir: राममंदिर में पूजा-अर्चना के लिए तैयार हो रही गाइडलाइन, आरती का समय-शेड्यूल लगभग तय

Ayodhya Ram Mandir: श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से मंदिर के लिए पुजारियों की भर्ती से जुड़ी जानकारी साझा की गई थी। बता दें कि, मंदिर में प्रशिक्षित पुजारी रखे जाने हैं। इसके लिए अब तक 3000 लोग आवेदन कर चुके हैं।



राम मंदिर और रामलला विराजमान। (फोटो क्रेडिट: @ShriRamTeerth/एक्‍स)

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्‍या में असंख्‍य हिन्‍दुओं की आस्‍था का प्रतीक यानी भव्‍य राम मंदिर मूर्त रूप ले चुका है। 2024 के प्रथम माह की 22 तारीख को रामलला की प्राण-प्रतिष्‍ठा भी हो जाएगी। ऐसे में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्रभु श्रीराम की पूजा अर्चना का शेड्यूल तैयार करना शुरू कर दिया है। इसके लिए एक धार्मिक समिति गठित की गई है जिसने अपनी दो दिवसीय बैठक में मंदिर से जुड़े ऐसे तमाम बिंदुओं पर मंथन किया। बता दें कि बैठक के बाद निष्‍कर्षस्‍वरूप ये तय हुअस कि, मंदिर में रामलला की आरती दिन में पांच बार की जाएगी।

भोग और श्रृंगार पर भी चर्चा

धार्मिक समिति ने बैठक के दौरान तय किया कि, रामलला का पूजन विधान रामानंदीय परंपरा के अनुकूल होगा। इसके अलावा में बैठक में रामलला के श्रृंगार व भोग, त्योहार, पर्व व अन्य विशेष अवसरों पर श्रृंगार व भोग आदि पर भी गहन चर्चा की गई। कहा जा रहा है कि, प्रत्‍येक महीने पड़ने वाली एकादशी को प्रभु श्रीराम को कौन सा और किस प्रकार का भोग लगेगा इस बिंदु पर भी सभी ने अपने विचार रखे। मकर संक्रांति, होली, रामनवमी, झूलनोत्सव, कार्तिक परिक्रमा, रामविवाह समेत तमाम त्‍योहारों से जुड़ी गाइडलाइन ये समिति तैयार कर रही है। गौरतलब है कि, धार्मिक समिति की मीटिंग में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, जगद्गुरु विश्वेशप्रपन्न तीर्थ, महंत मिथिलेश नंदिनी शरण, महंत डॉ़ रामानंद दास मौजूद रहे।

115 वैदिकों का साक्षात्कार

हाल ही में ट्रस्‍ट की ओर से मंदिर के लिए पुजारियों की भर्ती से जुड़ी जानकारी साझा की गई थी। बता दें कि, मंदिर में प्रशिक्षित पुजारी रखे जाने हैं। इसके लिए अब तक 3000 लोग आवेदन कर चुके हैं और 84 कोसी सीमा क्षेत्र के ही आवेदन स्वीकार हुए हैं। जिन बटुकों ने आवेदन किया है उनके साक्षात्कार की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। अब तक 115 आचार्यों का साक्षात्कार हो चुका है। 50 वैदिक बटुकों का चयन करने के बाद उनके प्रशिक्षण की प्रक्रिया होगी और उसके बाद अंतिम परीक्षा में जो उत्‍तीर्ण होगा उसे पुजारी पद के लिए चयनित किया जाएगा।

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