Ayodhya Ram Mandir: सरयू की बाढ़ भी नहीं हिला पाएगी राम मंदिर की बुनियाद, इन वजहों से सदियों तक सुरक्षित रहेगा रामलला का घर

Ayodhya Ram Mandir: प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के बाद आसपास का पर्यावरण अच्‍छा और अनुकूल रहे इसलिए परिसद के 70 फीसदी हिस्‍से में हरयिाली होगी। इसके अलावा बचे हुए 30 फीसदी हिस्‍से में ही निर्माण होगा।

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अयोध्‍या में बन रहा भव्‍य राम मंदिर। (तस्‍वीर साभार: @ShriRamTeerth/X)

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्‍या में प्रभु श्रीराम का नव्‍य, दिव्‍य और भव्‍य मंदिर बनकर तैयार होने ही वाला है। रामलला के मंदिर में इंजीनियरिंग की बेहतरीन संरचना है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्‍ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि, टेंट से हटकर रामलला जिस भव्‍य मंदिर में विराजने वाले हैं उसकी नींव 14 मीटर गहरी और पत्‍थरों की चट्टान से निर्मित है। आसान शब्‍दों में कहा जाए तो तपती धूप से लेकर, मूसलाधार बारिश या कड़ाके की ठंड से लेकर सरयू नदी की रौद्ररूपी बाढ़.. कोई भी परिस्थिति राम मंदिर को नुकसान नहीं पहुंचा सकती। मंदिर की अलौकिकता और चमक सदियों तक धूमिल नहीं होगी।

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सरयू की बाढ़ में भी सुरक्षित रहेगा मंदिर

चंपत राय ने विस्‍तारपूर्व जानकारी देते हुए बताया कि, भूमिपूजन वाला स्‍थान सरयू तल से तकरीबन 105 मीटर ऊंचाई पर है। निर्माण से पूर्व जब रडार सर्वे हुआ तो पता चला कि, प्रस्‍तावित गर्भगृह स्‍थल के नीचे काफी गहराई तक मलबा ही मलबा एकत्रित है। ऐसे में 40 फीट तक खोदाई की गई, लेकिन 30 फीट पर जब प्राकृतिक मिट्टी मिली तो खोदाई रोक दी गई। हालांकि निर्माण के दौरान 42 फीट तक मिट्टी को समतल करने का कार्य चला। यानी कि अब एक पंक्ति में कहा जाए तो राममंदिर की चौखट की ऊंचाई सरयू तल से 107 मीटर ऊपर है, जो कि बाढ़ में भी रामलला के घर को सुरक्षित रखेगा।

इन वजहों से दैदीप्‍यमान रहेगा राम मंदिर

  • राजस्थान, तेलंगाना व कर्नाटक के पत्थरों से मंदिर का निर्माण
  • 21 लाख क्‍यूबिक पत्‍थरों से प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण
  • मंदिर की 1-1 फीट की 46 लेयर जिन्‍हें रोलर से कांपैक्‍ट किया गया
  • 14 मीटर चट्टानों से बनी मंदिर की नींव
  • राम मंदिर को अत्‍यधिक ऊंचा बनाने के लिए ढाली गई 21 फीट ऊंव प्लिंथ
  • पश्चिम दिशा में रिटेनिंग वॉल का निर्माण
  • कंक्रीट, स्‍टोन डस्‍ट और थर्मल पावर के फ्लाई से भरी मंदिर की नींव
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रॉक मैकेनिक के इंजीनियरों से मंदिर के एक-एक पत्‍थर की जांच
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हरियाली से आच्‍छादित होगा मंदिर का 70 फीसदी भाग

प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण के बाद आसपास का पर्यावरण अच्‍छा और अनुकूल रहे इसलिए परिसद के 70 फीसदी हिस्‍से में हरयिाली होगी। इसके अलावा बचे हुए 30 फीसदी हिस्‍से में ही निर्माण होगा। बताया जा रहा है कि, परिसर के 600 पेड़ों को पूरी तरह से सुरक्षित किया गया है। वहीं, नगर निगम के सीवर, ड्रेनेज पर 70 एकड़ के परिसर का लोड नहीं होगा।

भक्‍तों के लिए की जा रहीं ये सुविधाएं

मंदिर परिसर में दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व एक पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है। मंदिर में दो लिफ्ट लगने के साथ-साथ दिव्यांग, वृद्ध श्रद्धालुओं के लिए भी विशेष सुविधा होगी। इसके अलावा प्रवेश द्वार पर दो रैंप भी बनेंगे, तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए 200 टॉयलट ब्लॉक बनेंगे और जनरेटर की भी व्यवस्था रहेगी। नए मंदिर परिसर के आठ एकड़ में तीर्थयात्री सुविधा केंद्र का निर्माण होगा, जहां 25 हजार श्रद्धालु अपने सामान, जूता, चप्पल रख सकेंगे। भक्‍तगण के बैठने के लिए बेंच और पंखों की व्‍यवस्‍था होगी और मंदिर में परिसर में एक चिकित्‍सा केंद्र भी रहेगा जहां अनुभवी चिकित्‍सकों की ही नियुक्ति होगी।

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शाश्वत गुप्ता author

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