राजस्थान का बांसवाड़ा, पहले इस नाम से था मशहूर, जानिए इसके उपनाम

Banswara: बांसवाड़ा के नाम को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। इसे सौ द्विपों का शहर भी कहते हैं। यहां राजस्थान के बाकी शहरों की तुलना में ज्यादा बारिश होती है, यही वजह है कि इस जगह को राजस्थान का चेरापुंजी कहते हैं। इसे सौ द्विपों का शहर का उपनाम भी दिया गया है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इसका पुराना नाम क्या है-

राजस्थान का बांसवाड़ा

Banswara: बांसवाड़ा राजस्थान का एक ऐसा क्षेत्र है, जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। राजस्थान के दक्षिणी हिस्से में अरावली पहाड़ियों और माही बांध से घिरी ये जगह इतनी शानदार हैं कि इसे आप पहली नजर में देख कर यकीन ही नहीं कर पाएंगे कि यह जगह भारत में है। यहां माही नदी पर द्विपों के कारण इसे सौ द्विपों का शहर भी कहते हैं। यहां राजस्थान के बाकी शहरों को तुलना में ज्यादा बारिश होती है और इसकी यह खासियत इसे दूसरों से एक अलग पहचान भी दिलाती है। जब राजस्थान के सभी इलाके सूखे की मार झेल रहे होते हैं, तब भी बांसवाड़ा अपनी हरियाली से लोगों को खुश रखता है। यही वजह है कि इस जगह को राजस्थान का चेरापुंजी और सौ द्विपों का शहर कहते हैं। अब आपने ये तो जान लिया की इसे चेरापुंजी और द्विपों का शहर भी कहते हैं। लेकिन, क्या आप ये जानते हैं कि इस शहर का पुरान नाम क्या है ?

बांसवाड़ा बांस की भूमि

उदयपुर से लगभग 165 किमी दूरी पर बांसवाड़ा है। इसके नाम के बारे में यहां के लोगों का कहना है कि इसके नाम को लेकर दो बातें प्रचलित हैं। एक का कहना है कि इसका नाम भील वंश के शासक राजा बांसिया के नाम पर रखा गया था। और उन्होंने ही 14 जनवरी 1515 बांसवाड़ा की स्थापना किया। वहीं कुछ लोगों को कहना है कि यहां पहले बहुत ज्यादा संख्या में बांस के पेड़ हुआ करते थे। जिस वजह से इसका नाम बांसवाड़ा पड़ा। जिसका मतलब बांस की भूमि है।

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