Bareilly News: अस्पताल में शॉर्ट सर्किट से लगी भीषण आग, हादसे में एक नवजात की गई जान

Bareilly News: बरेली के महिला अस्पताल में शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई, जिसके बाद वार्ड में भर्ती 11 बच्चों में से 5 नवजात को दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया। इस दौरान एक नवजात बच्चे की अस्पलात जाने के रास्ते में मौत हो गई।

Bareilly Hospital Caught Fire Due to Short Circuit New Born Baby Died

बरेली के जिला महिला अस्पताल में लगी आग में एक नवजात बच्चे की मौत हो गई

Bareilly News: बरेली के महिला जिला अस्पताल में आग लगने की घटना सामने आई है। ये घटना एसएनसीयू यूनिट की है। इस वार्ड में भर्ती 11 में से 5 नवजातों को दूसरे अस्पताल में रेफर किया गया था। बता दें कि रेफर किए 5 नवजात में से एक बच्चे की जान चली गई। बाकी 4 में से 3 नवजात बच्चों की हालत बिगड़ने के कारण इन नवजात बच्चों को मेडिकल कॉलेज सैफई रेफर किया गया है।

शॉर्ट सर्किट से लगी आग

मिली जानकारी के अनुसार, एमसीएच विंग के फर्स्ट फ्लोर पर एसएनसीयू में शॉर्ट सर्किट के कारण तेज धमाका हुआ और आग लग गई। धमाके बाद पूरे वार्ड में धुआं भर गया और लोगों में भगदड़ मच गई। बिजली मिस्त्री ने संभावना जताते हुए कहा कि यदि एमसीबी पैनल होता तो ये घटना न होती। शॉर्ट सर्किट की स्थिति में एमसीएच बिजली की आपूर्ति बंद कर देता है। इसके साथ ही आशंका जताई गई कि इस शॉर्ट सर्किट का कारण सीलन है।

वार्ड में भर्ती 11 में से 5 नवजात बच्चों की हालत को देख उन्हें बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया। मेडिकल कॉलेज बदायूं के सीएमएस डॉ. सीपी सिंह द्वारा दी जानकारी के अनुसार भेजे गए पांच बच्चों में से एक बच्चे ने अस्पताल पहुंचने से पहले रास्ते में दम तोड़ दिया था। इसके अलावा तीन बच्चों नजरीन, अहिल व त्रिवेणी की हालत बिगड़ के कारण उन्हें मेडिकल कॉलेज सैफई रेफर कर दिया गया।

जिला महिला अस्पताल ने दी सफाई

जिला महिला अस्पताल में आग लगने के बाद एक नवजात की मौत पर सफाई देते हुए सीएमएस डॉ. त्रिभुवन प्रसाद ने बताया कि ये दोनों जुड़वा बच्चे निजी अस्पताल से रेफर होकर आए थे। उन्होंने बताया कि नजरीन का वजन 800 ग्राम था और उसकी बहन का वजन 2 किलों। बच्चों को वेंटिलेटर की आवश्यकता थी और इसकी जानकारी परिजनों की दी गई थी। लेकिन वह इसके लिए नहीं माने थे।

सीएमएस परिजनों को इसका कसूरवार ठहराया और बताया कि शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग के बाद बच्चों को पास के निजी अस्पताल में भर्ती करने के लिए कहा गया था, लेकिन परिजन उसे बदायूं के मेडिकल कॉलेज ले जाना चाहते थे, जिस कारण बच्चे की रास्ते में ही मौत हो गई।

घटना की जांच के लिए 12 घंटे बाद पहुंचे अधिकारी

जिला महिला अस्पताल में हुई आग लगने की घटना के करीब 12 घंटे बाद अफसर पहुंचे थे। घटना सुबह हुई और अधिकारी शाम में पहुंचे। एडीएम सिटी सौरभ दुबे, सिटी मजिस्ट्रेट रेन सिंह, सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह जिला महिला अस्पताल पहुंचे और इस घटना का जांच की।

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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