साधू से गृहस्थ बनने की कीमत 3.60 लाख रुपये, जानिए अमेठी के एक परिवार की कहानी
22 साल पहले अमेठी के एक परिवार का लड़का दिल्ली से गायब हो गया था और अब पता चला है कि गायब हुआ वह लड़का साधू बन गया था। वह एक मठ में रह रहा था। लेकिन अब वह साधू से वापस गृहस्थी में लौटना चाहता है। मुसिबत यह है कि इसके लिए उसे 3.60 लाख रुपए चुकाने पड़ेंगे।
अमेठी न्यूज
Amethi: एक मठ में रहने वाला वह साधू गुहार लगा रहा है। गुहार अपने पिता से। गुहार अपनी मां से। गुहार अपने पूरे परिवार से। वह हर किसी एक ही बात कह रहा है कि मुझे यहां से ले चलो। मुझे अब साधू नहीं बनना है। मुझे गृहस्थी में लौटनी है। मुझे शादी करनी है। मुझे बच्चे पैदा करने हैं। हैरान करने वाली यह कहानी एक साधू अरूण सिंह की है। वही अरुण सिंह जो 22 साल पहले 2002 में रहस्यमय तरीके से कहीं गायब हो गया था। बेटे के लापता होने के बाद जायस के खरोली निवासी रतिपाल सिंह खूब रोए थे। लेकिन बाद में उन्हों संतोष कर लिया था। उन्हें लगा था कि अब वह अपने बेटे से कभी नहीं मिल पाएंगे। लेकिन 27 जनवरी को अचानक उनका लापता बेटा अरुण गांव पहुंच गया।
22 साल पहले गायब हुआ था बेटा
22 साल बाद बेटे को सही-सलामत देखकर रतिपाल सिंह की हैरानगी का ठिकाना नहीं था। उन्होंने अरुण को अपने गले से लगा लिया। पिता के सीने से लगने के बाद अरुण ने कहा-पिताजी, मैं 22 साल पहले जब दिल्ली से गायब हो गया था। तो कुछ साधुओं ने मुझे आश्रय दिया और मैं साधू बन गया। मैं उनके साथ ही रहने लगा। लेकिन अब मैं गृहस्थ जीवन में आना चाहता हूं। समस्या यह है कि मैनें 3 हजार साधुओं से 360-360 रुपये भीख के तौर पर लिए हैं। गृहस्थ जीवन में आने से पहले मुझे यह चुकाना होगा।
अब चुकाने होंगे इतने रुपये
बेटे के इन बातों को सुनकर रतिपाल सिंह ने मठ के गुरु से बात की है। और अब फैसला यह हुआ है कि साधू से गृहस्थ जीवन में आने के लिए अरूण को 3.60 लाख रुपये चुकाने होंगे। जानकारी के लिए बता दें कि रतिपाल सिंह की माली हालत ठीक नहीं है। 3.60 लाख रुपये उनके लिए बहुत बड़ी रकम है। लेकिन पुत्र मोह में पिता अपना सबकुछ बेचने को तैयार है। इलाके के लोग भी अरुण और उनके पिता रतिपाल की यह कहानी सुनकर हैरान हैं।
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माही यशोधर Timesnowhindi.com में न्यूज डेस्क पर काम करती हैं। यहां वह फीचर, इंफ्रा, डेवलपमेंट, पॉलिट...और देखें
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