जिस मंदिर ने रोका था एक्सप्रेसवे का काम, उसे किया गया शिफ्ट; अब इसी महीने खुलेगा Expressway

यह एक्सप्रेसवे आईटी सिटी और भारत की सिलिकन वैली कहे जाने वाले शहर को गेटवे ऑफ साउथ के नाम से जाने जाने वाले शहर से जोड़ेगा। 260 किमी लंबे बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे का 71 किमी हिस्सा खुलने से स्थानीय लोगों को बड़ी सहूलियत होगी।

एक्सप्रेसवे का 71 किमी हिस्सा इसी महीने खुलेगा

देश में एक के बाद एक एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। देश का सबसे लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway)अभी बन रहा है और इसके कुछ हिस्सों को ट्रैफिक के लिए खोला भी जा चुका है। इसी तरह दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) के एक हिस्से को इसी महीने खोले जाने की तैयारी है। मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे (Mumbai-Nagpur Samridhi Expressway) भी दूरियों को समेट रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (Poorvanchal Expressway) पर गाड़ियां दौड़ रही हैं और दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे (Delhi-Amritsar-Katra Expressway) सहित कई अन्य निर्माणाधीन हैं। ऐसा ही एक और एक्सप्रेसवे है, जिसका नाम बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे (Bengaluru-Chennai expressway) है। कुल 260 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे का 71 किमी हिस्सा इसी महीने ट्रैफिक के लिए खुलने जा रहा है। जानिए क्यों रुका हुआ था काम-

इसलिए रुका था काम

बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे का काम कुछ समय तक एक मंदिर की वजह से अटका हुआ था और इसी वजह से एक्सप्रेसवे के शुरू होने में देरी हुई। अब मंदिर को किसी अन्य जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है और 400 मीटर के हिस्से में जहां काम नहीं हुआ था, उस पर तेजी से काम किया जा रहा है। NHAI के बेंगलुरू रीजनल ऑफिसर विलास पी ब्रह्मांकर ने यह जानकारी दी।

बेंगलुरू-चेन्नई एक्सप्रेसवे का 71 किमी हिस्सा जो कर्नाटक में पड़ता है, वह इस महीने यानी नवंबर के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही एक्सप्रेसवे के इस हिस्से को ट्रैफिक के लिए खोल भी दिया जाएगा। NHAI के अधिकारी ने बताया कि जिन्नगाड़ा क्रॉस पर होस्कोटे के करीब एक मंदिर था, जिसके कारण एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य धीमा हो गया था। अब मंदिर को यहां से रिलोकेट कर दिया गया है।

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