Bhopal: 11 करोड़ और 52 KG सोने का लगाया चूना, कोर्ट ने घोटालेबाज को दी जमानत; पर जेल से नहीं आ पाएगा बाहर!
मध्य प्रदेश में एक लावारिस एसयूवी से जब्त की गई 11 करोड़ रुपये की नकदी और 52 किलो सोना मामले के आरोपी राज्य परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा को लोकायुक्त मामले में ज़मानत दे दी गई है। हालांकि, अन्य मामलों में जमानत नहीं मिलने पर वह जेल में बंद रहेगा।

(फाइल फोटो)
भोपाल : पिछले साल मध्यप्रदेश में एक लावारिस एसयूवी से जब्त की गई करीब 52 करोड़ रुपये की नकदी और सोना राज्य परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा का था, जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच चल रही है। ईडी ने पिछले दिनों भारी मात्रा में मिली नकदी और सोने के स्वामित्व को लेकर महीनों से जारी अटकलों पर विराम लगा दिया था। अब कोर्ट ने भी उसे राहत दी है। घोटाले के आरोपी सौरभ शर्मा लोकायुक्त मामले में ज़मानत मिल गई है। बहरहाल, वह अन्य मामलों में जेल की सलाखों में ही रहेगा।
जानकारी के मुताबिक, तीन एजेंसियां- ईडी, आयकर विभाग और मध्यप्रदेश लोकायुक्त पुलिस, शर्मा और पिछले साल 20 दिसंबर को भोपाल के एक इलाके से वाहन से बरामद नकदी के मामले की जांच कर रही हैं। मामले की शुरुआत लोकायुक्त द्वारा शर्मा के यहां छापेमारी से हुई, जिसमें भोपाल स्थित उसके परिसरों से 2.85 करोड़ रुपये नकद सहित तीन करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बरामद की गई। ईडी ने एक बयान में दावा किया इस मामले में आयकर विभाग ने चेतन सिंह गौड़ की इनोवा कार से नकदी और सोना जब्त किया था। ईडी की जांच में पता चला है कि इनोवा कार से जब्त नकदी और सोना सौरभ शर्मा का ही था।
कितना मिला था सोना
उक्त वाहन गौड़ के नाम पर पंजीकृत है और बताया जाता है कि वह (गौड़) शर्मा से जुड़ा हुआ है। आयकर विभाग ने वाहन से 40 करोड़ रुपये मूल्य की 52 किलोग्राम सोने की छड़ें और 11 करोड़ रुपये से अधिक नकद जब्त किए। ईडी द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया के लिए शर्मा या उनके कानूनी प्रतिनिधियों से फिलहाल संपर्क नहीं हो पाया है। अपराध के जरिये अर्जित’ ये संपत्तियां सौरभ शर्मा द्वारा अपने नाम पर या अपने रिश्तेदारों, सहयोगियों के अलावा फर्मों, कंपनियों, सोसायटी आदि के नाम पर प्राप्त की गईं।
रिश्तेदारों के नाम पर की अवैध संपत्ति
ईडी ने कहा है कि शर्मा के संबद्ध सहयोगियों या कंपनियों में शरद जायसवाल, चेतन सिंह गौड़, अविरल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, अविरल एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड और यू आर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि सौरभ शर्मा ने "अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों, सहयोगियों और कंपनियों, फर्मों, सोसायटी के नाम पर विभिन्न चल और अचल संपत्तियां खरीदी थीं।
शर्मा, गौड़ और उनसे जुड़े व्यक्ति जायसवाल को ईडी ने इस मामले में गिरफ्तार किया था और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। ईडी का धन शोधन का मामला लोकायुक्त पुलिस की प्राथमिकी पर आधारित है। लोकायुक्त पुलिस के अनुसार, शर्मा को 2015 में अनुकंपा के आधार पर राज्य परिवहन विभाग में कांस्टेबल के रूप में नियुक्त किया गया था और उसने 2023 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। मध्यप्रदेश सरकार के विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के अनुसार, उनके पिता की 2015 में मृत्यु हो गई थी। वह (पिता) एक सरकारी डॉक्टर थे। लोकायुक्त ने यह भी आरोप लगाया कि शर्मा ने अपनी मां, पत्नी, साली और करीबी सहयोगियों गौड़ और जायसवाल के नाम पर स्कूल और होटल स्थापित करने सहित भ्रष्ट तरीकों से धन अर्जित किया।
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