Bhopal: कारखानों में 36 लड़के-लड़कियां कर रहे थे ऐसा काम, नाबालिगों के पैरों से तोड़ी गईं बाल श्रम की बेड़ियां

मध्य प्रदेश के रायसेन स्थित तीन कारखानों से 25 लड़कियों और 11 लड़कों समेत कुल 36 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है।

child labourers Rescued in Raisen

प्रतिकात्मक फोटो

भोपाल: एमपी में बचपन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां रायसेन जिले में स्थित कई कारखानों में नाबालिग बच्चों-बच्चियों से काम कराया जा रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार को तीन कारखानों से 25 लड़कियों और 11 लड़कों समेत कुल 36 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है। इन इकाइयों के मालिकों के खिलाफ बच्चों को काम पर रखने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई।

एनसीपीसीआर ने किया रेस्क्यू

अधिकारियों ने बताया कि मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र में तीन इकाइयों में काम कर रहे बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराने अभियान का नेतृत्व राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने किया। इस अभियान में आयोग को पुलिस टीम और बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) नामक संगठन ने साथ दिया।

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36 बच्चे कुपोषित

अधिकारी ने कहा कि इन फैक्टरियों को सील कर दिया गया है तथा उनके मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। बीबीए की शिकायत पर यह अभियान चलाया गया। छुड़ाये गये ये 36 बच्चे कुपोषित और अल्पनिद्रा का शिकार दिख रहे हैं। उनसे रोजाना 12-14 घंटे काम करवाया जाता था। वे 15-17 साल के हैं तथा बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, तथा मध्य प्रदेश के पड़ोसी जिलों के हैं।

(इनपुट - भाषा)

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Pushpendra kumar author

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