रेल दुर्घटनाओं को रोकने में मददगार साबित हो सकता है AI ड्रोन! 25 मिलीसेकंड में ढूंढेगा बिजली लाइन की गड़बड़ियां

AI Drone: आईआईटी इंदौर ने एक ऐसा एआई ड्रोन विकसित किया है जिसकी मदद से बिजली की हाईटेंशन लाइनों और गैस पाइपलाइनों से लेकर भवनों और सड़कों की दरारों का महज 25 मिलिसेकंड के भीतर पता लगाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त रेल पटरियों की दरारों का पता लगाने में भी मददगार साबित हो सकता है। हालांकि, इसके लिए स्पेसिफिक रिसर्च की जरूरत है।

एआई ड्रोन (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुख्य बातें
  • 25 मिलीसेकंड में सड़कों और बिजली लाइन की मिलेंगी गड़बड़ियां।
  • रेलवे के लिए भी मददगार साबित हो सकता है AI ड्रोन।
  • प्रोफेसर अभिरूप दत्ता ने AI ड्रोन के अनुसंधान की अगुवाई की।
AI Drone: इंदौर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) ने दुर्गम क्षेत्रों में स्थित ढांचों की पैनी निगरानी के लिए कृत्रिम मेधा (AI) से लैस ड्रोन विकसित किया है। यह ड्रोन बिजली की हाईटेंशन लाइनों और गैस पाइपलाइनों से लेकर भवनों और सड़कों की दरारों और अन्य ढांचागत गड़बड़ियों का महज 25 मिलीसेकंड के भीतर पता लगा सकता है।

डेढ़ साल में विकसित हुआ AI ड्रोन

आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर अभिरूप दत्ता ने बताया कि करीब डेढ़ साल में विकसित इस ड्रोन की तकनीक मानव रहित विमान (UAV) को एआई और ‘मशीन लर्निंग’ के साथ जोड़ती है। दत्ता ने कहा,"इस ड्रोन ने उन्नत एआई उपकरणों का उपयोग करके अलग-अलग ढांचों की दरारों और अन्य गड़बड़ियों का केवल 25 मिलीसेकंड के भीतर पता लगाने और संबंधित डेटा को सुव्यवस्थित रूप से पेश करने में 98.70 प्रतिशत की ऊंची सफलता दर हासिल की है।"

रेल ड्रोन की मदद से ठीक हो सकेंगे गड़बड़ियां

उन्होंने बताया कि अगर विशिष्ट अनुसंधान किया जाए तो एआई ड्रोन को रेल पटरियों की दरारों और अन्य गड़बड़ियों का पता लगाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। दत्ता ने एआई ड्रोन के अनुसंधान की अगुवाई की। अनुसंधान दल में आईआईटी के छात्र कुमार शेषांक शेखर और संस्थान की पीएचडी शोधार्थी हर्षा अविनाश तांती भी शामिल थीं।
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