Dhar Bhojshala Complex: धार के भोजशाला परिसर में छठे दिन भी सर्वे जारी, जानिए अब तक क्या हुआ?

धार के भोजशाला परिसर में लगातार छठे दिन भी सर्वे का काम जारी रहा। फिलहाल एएसआई की टीम भोजशाला परिसर के 50 मीटर के दायरे में खुदाई में जुटा है।

Dhar Bhojshala Complex

धार भोजशाला परिसर

तस्वीर साभार : IANS

Dhar Bhojshala Complex: मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक धार शहर के विवादास्पद भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का सर्वेक्षण बुधवार को लगातार छठे दिन जारी रहा। यह सर्वेक्षण मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर शुरू किया गया है।

कहां तक पहुंचा है सर्वे?

भोजशाला परिसर में सर्वेक्षण के दौरान हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले आशीष गोयल और गोपाल शर्मा के साथ ही मुस्लिम समुदाय के नेता अब्दुल समद एएसआई दल के साथ मौजूद थे। गोयल ने संवाददाताओं को बताया कि एएसआई का दल भोजशाला परिसर के 50 मीटर के दायरे में खुदाई में जुटा है।

यह भी पढ़ेंः क्या है धार का भोजशाला विवाद? जानिए इस प्राचीन मंदिर का इतिहास और इससे जुड़ी आस्था

कोर्ट ने दिया था सर्वे का निर्देश

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने 11 मार्च को एएसआई को छह सप्ताह के भीतर भोजशाला परिसर का "वैज्ञानिक सर्वेक्षण" करने का निर्देश दिया था। यह परिसर एक मध्ययुगीन स्मारक है, जिसे हिंदू समुदाय वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद बताता है।

22 मार्च को शुरू हुआ था सर्वे

एएसआई ने अदालत के निर्देश पर भोजशाला परिसर का सर्वेक्षण 22 मार्च को शुरू किया था। एएसआई के सात अप्रैल 2003 को जारी आदेश के अनुसार चली आ रही व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है।

माना जाता है कि हिंदू राजा भोज ने 1034 ईस्वी में भोजशाला में वाग्देवी की मूर्ति स्थापित की थी। हिंदू संगठनों का कहना है कि अंग्रेज इस मूर्ति को 1875 में लंदन ले गए थे।

यह भी पढ़ेंः Bhojshala ASI Survey: हिंदू-मुस्लिम पक्ष के साथ भोजशाला पहुंची ASI टीम, शुरू किया सर्वे; जानें आखिर क्या है विवाद

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | भोपाल (cities News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited