Best Wildlife Sanctuaries near Bhopal: प्रकृति से है प्यार तो चले आइए भोपाल, कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर हैं ये शानदार अभयारण्य
Best place to Visit in bhopal: भोपाल में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ खास है। जिसमें स्मारकीय अवशेष, दुर्ग, मंदिर व वन्यजीव पार्क शामिल हैं। इस बार के न्यू ईयर के मौके पर आप विंटर वेकेशन प्लान कर रहे हैं तो आपके लिए भोपाल के आसपास एडवेंचर की भरमार है। बच्चों व फैमिली को इस बार की छुट्टियों में एडवेंचर का मजा लेने का मौका दीजिए। अपने टूर प्लान में भोपाल को शामिल कर सकते हैं। यहां कई टाइगर रिजर्व व जंगल सफारी हैं। जहां जाकर आप वाइल्ड लाइफ को करीब से देख सकते हैं।
भोपाल में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ खास है।
मुख्य बातें
- भोपाल में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ खास है
- बच्चों व फैमिली को छुट्टियों में एडवेंचर का मजा लेने का मौका दीजिए
- वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में कई जंगली जीवों का बसेरा है
Best Wildlife Sanctuaries near Bhopal: भारत के सबसे हरे-भरे शहरों में से एक माने जाने वाले भोपाल में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बहुत कुछ खास है। जिसमें स्मारकीय अवशेष, दुर्ग, मंदिर व वन्यजीव पार्क शामिल हैं। इस बार के न्यू ईयर के मौके पर आप विंटर वेकेशन प्लान कर रहे हैं तो आपके लिए भोपाल के आसपास वाइल्ड लाइफ की भरमार है। अपने टूर प्लान में भोपाल को शामिल कर सकते हैं। यहां कई टाइगर रिजर्व व जंगल सफारी हैं। जहां जाकर आप वाइल्ड लाइफ को करीब से देख सकते हैं।
वन विहार में है एडवेंचर की भरमारभोपाल शहर से सटा 4.45 वर्ग किमी इलाके में फैला वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में कई जंगली जीवों का बसेरा है। भोपाल के नजदीक जंगल जीवन देखने व जानवरों के बारे में जानने के लिए ये सबसे बेहतीन जगहों में से एक है। बाघों को दहाड़ते देखना आपकी ट्रिप को अविस्मरणीय बना देगा। यहां आप विलुप्ती की कगार पर खड़ी वन्यजीवों की कई प्रजातियां देख सकेंगे। यहां आपको टाइगर के अलावा लेपर्ड, लॉयन, हाइना, ब्लैक बक सहित कई सरीसृपों व जानवरों की प्रजातियां जंगल में सहज विचरण करते हुए दिखेंगी।
रातापानी नेचर लवर्स के लिए जन्नत से कम नहींमध्य प्रदेश के विंध्याचल रेंज में मौजूद रातापानी वन्यजीव अभयारण्य दो जिलों रायसेन और सीहोर में फैला हुआ है। भोपाल से इसकी दूरी करीब 61 किमी है। इस अभयारण्य में वनस्पतियों और जीवों की विदेशी प्रजातियों का आवास है। इसके दोनों छोर पर नर्मदा कोलार नदी बहती है। यह अभयारण्य नेचर लवर्स के लिए जन्नत से कम नहीं है। यहां आपको जंगली जीवों और पक्षियों के अलावा कई प्रजातियों के पेड़ - पौधे देखने को मिलेंगे। इसके अलावा आपको दाहोद, रातापानी व बरना बांध देखने का मौका मिलेगा।
नरसिंहगढ़ में बिखरी है चंदन की महकमध्य प्रदेश के राजगढ़ जनपद में स्थित नरसिंहगढ़ वन्यजीव अभयारण्य को 1974 में बनाया गया था। इसकी गिनती एमपी के प्रमुख वन्यजीव अभयारण्यों में होती है। भोपाल से करीब 84 किमी की दूरी पर मौजूद 57 वर्ग किमी में पसरा ये अभयारण्य कई जंगली जानवरों और पक्षियों का घर है। यहां सांभर, चीतल, नीलगाय, तेंदुआ और जंगली सूअर सहित पक्षियों की लगभग 164 प्रजातियों मौजूद है। इस अभयारण्य में बिखरी चंदन के पेड़ों की महक इसे सबसे जुदा करती है। अभयारण्य के बीच में आपको एक झील मिलेगी जिसे चिडिखोल लेक के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा इस इलाके में आपको नरसिंहगढ़ किला, बड़ा महादेव, छोटा महादेव, सौलह खंब, हाजी वाली दरगाह आदि कुछ अन्य आकर्षक पुरा महत्व वाली जगह देखने का मौका भी मिलेगा। हैं। अभयारण्य की यात्रा का सबसे अच्छा मौसम नवंबर से जून के महीनों तक है।
नौरादेही इंडिया का सबसे बड़ा जंगलएमपी का नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य 1 हजार वर्ग किमी से अधिक के क्षेत्र में फैला सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिलों में स्थित है। इसे इंडिया के सबसे बड़े जंगल का खिताब हासिल है। भोपाल से इसकी दूरी करीब 255 किमी है। यह अभयारण्य कई वन्यजीवों व पक्षियों का आसरा है। यहां आपको भरपूर जैव विविधता देखने को मिलेगी। इसकी खास बात ये है कि सिर्फ यहीं पर आपको इंडियन वोल्फ देखने को मिलेगा। सफारी के दौरान आपको नीलगाय, हिरणों की कई प्रजातियों सहित मार्श मगरमच्छ, स्लॉथ बीयर, लेपर्ड आदि देखने को मिलेंगे।
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