Best Places to Visit in Bhopal 2023: भोपाल में है देश का इकलौता ट्राइबल म्यूजियम, हैरान कर देगा यहां का चप्पा-चप्पा

Best Places to Visit in Bhopal 2023: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ऐसा म्यूजियम है जिसे देखकर आपको आदिवासी संस्कृति का सजीव चित्रण करीब से देखने व जानने का मौका मिलेगा। बता दें कि, एमपी में आदिवासियों का एक बड़ा तबका रहता है। इस ट्राइबल म्यूजियम में आपको आदिवासी कला और संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिलेगी।

Bhopal News (10)

भोपाल में है देश का इकलौता अद्भुत आदिवासी म्यूजियम (फाइल फोटो)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • ट्राइबल म्यूजियम में आपको आदिवासी संस्कृति की अनूठी झलक देखने मिलेगी
  • म्यूजियम के निर्माण पर करीब 35 करोड़ 20 लाख रुपए हुए थे खर्च
  • यहां ट्राइबल्स के द्वारा इस्तेमाल होने वाली हर छोटी बड़ी वस्तु हैं मौजूद

Best Places to Visit in Bhopal 2023: अगर आप किसी अद्भुत टूरिस्ट प्लेस की विजिट करना चाहते हैं तो आप मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जाएं। जहां आपको मिलेगा एक ऐसा म्यूजियम जिसे देखकर आपको आदिवासी संस्कृति का सजीव चित्रण करीब से देखने व जानने का मौका मिलेगा। बता दें कि, एमपी में आदिवासियों का एक बड़ा तबका रहता है।

आदिवासी बहुल राज्य होने के चलते देश का एकमात्र जनजातीय संग्रहालय भी लेक सिटी भोपाल में स्थित है। इस ट्राइबल म्यूजियम में आपको आदिवासी कला और संस्कृति की अनूठी झलक देखने मिलेगी। यहां पर देश-विदेश से लाखों टूरिस्ट ट्राइबल म्यूजियम में आदिवासी संस्कृति को देखने आते हैं। आइए आपको भोपाल में स्थित जनजातीय संग्रहालय के बारे में बताते हैं।

अनूठा है ये ट्राइबल म्यूजियमबता दें कि, राजधानी भोपाल में स्थित ट्राइबल म्यूजियम में आदिवासी कला और संस्कृति की एक झलक देखने को मिलती हैं। यहां ट्राइबल्स के द्वारा इस्तेमाल होने वाली हर छोटी बड़ी वस्तु मौजूद हैं। जैसे कि उनके घर, दैनिक जीवन में घरों में उपयोग होने वाले बर्तन, खेती के लिए उपयोग होने वाले औजार, कपड़े, खान-पान आदि आपको एक ही छत के नीचे मौजूद मिलेंगे। ट्राइबल लाइफ के के बारे में ये म्यूजियम करीब से देखने वालों के लिए एक ऑपन बुक के जैसे है। यहां आने के बाद आप आदिवासी कला व संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे।

दो एकड़ में फैला से से अद्भुत म्यूजियमजानकारी के अनुसार, म्यूजियम के निर्माण पर करीब 35 करोड़ 20 लाख रुपए खर्च हुए थे। इसका सिंबल बिरछा है, जिसको धरा की उर्वरा शक्ति और का प्रतीक माना जाता है। बता दें कि, म्यूजियम में अलग-अलग 6 आर्ट गैलेरी बनी हुई हैं, ट्राइबल म्यूजियम में लाइफ के अलग-अलग हिस्सों को चित्रों और वस्तुओं के जरिए से दर्शाया गया है। यहां प्रदेश की बैगा, सहरिया, गोंड, भील, कोरकू, कोल और भारिया आदि ट्राइबल्स की बानगी देखने को मिलती हैं। म्यूजियम में बैगा घर, गोंड स्थापत्य, भील घर, सहरिया आंगन, मग रोहन, गोंड घर, पत्थर का घर, कोरकू घर बने हैं, जो कि आपको जानकारी देते हैं कि आदिवासी समूह किस तरह के घरों में रहते हैं और उनकी रोजमर्रा की जिंदगी कैसी होती है। यहां पर ट्राइबल किड्स की स्पोर्टस एक्टिविटी जैसे फिसिंग, चौपड़, गिल्ली-डंडा, बुड़वा चक्ताक गोंदरा, पोशंबा, घर-घर, पंच गुट्टा, गेड़ी, पिट्ठू, गूछू हुड़वा भी आपको देखने को मिलेंगी।

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