Best Places to Visit in Bhopal : अगर विंटर वेकेशन में घूमने का बना रहे हैं प्लान , लेक ऑफ सिटी भोपाल जरूर जाएं, ये हैं यहां के 7 वेंडर
Best Places to Visit in Bhopal : लेक सिटी के नाम से मशहूर भोपाल शहर में मौजूद कई तालाब टूरिस्टों के बीच लोकप्रिय हैं। भोपाल शहर में अपने गौरवशाली अतीत को समेटे कई प्राचीन इमारतें पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। इस बार अगर आप विंटर वेकेशन में भोपाल घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो ये हैं, भोपाल के टॉप 7 टूरिस्ट स्पॉट, जहां आर्ट से लेकर झीलों तक सब कुछ है बेहद खास। आप भी इन जगहों को अपनी ट्रिप में शामिल कर सकते हैं।
भोपाल आएं तो ये 7 स्पॉट जरूर देखें।
- शहर में मौजूद कई तालाब टूरिस्टों के बीच हैं लोकप्रिय
- कई प्राचीन इमारतें पर्यटकों को अपनी ओर करती हैं आकर्षित
- विश्व धरोहर में शामिल हैं भीमटेक की गुफाएं
इस बार अगर आप भी विंटर वेकेशन में भोपाल घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो सबसे पहले यहां की बेहद खास और खूबसूरत जगहों के बारे में जान लें। वैसे तो भोपाल में घूमने के लिए कई बेहतरीन टूरिस्ट प्लेस हैं, मगर हम आपको बताने जा रहे हैं भोपाल के टॉप 7 टूरिस्ट स्पॉट, जहां आर्ट से लेकर झीलों तक सब कुछ हैं बेहद खास। आप भी इन जगहों को अपनी ट्रिप में शामिल कर सकते हैं।
भोपाल की शान बड़ा तालाब
भोपाल की सबसे खास जगहों में से एक है ऊपरी झील, जिसे यहां के लोग बड़ा तालाब भी कहते हैं। राजा भोज द्वारा बनवाई गई इस झील को इंसानों की ओर से बनाई गई सबसे पुरानी झील बताया जाता है। इसके पास कमला पार्क नाम से एक बड़ा बगीचा भी है, जो इस झील की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है। आप बड़ा तालाब में नावं में बैठने का मजा भी ले सकते हैं। बता दें कि इस झील को देखने के लिए पर्यटक साल भर आते रहते हैं।
भोपाल में सुनें टाइगर की दहाड़
भोपाल का वन विहार नेशनल पार्क सैलानियों की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। इस पार्क में आपको विदेशी फूलों की कई प्रजातियों के अलावा टाइगर की दहाड़ सुनने को मिलेगी। वहीं जंगली जीवों में काले हिरण, चीतल, सांभर, नीलगाय, पारक्यूपीन, वाइल्ड बोअर व हाइना समेत कई जीवों की प्रजातियों को निहारने का मौका मिलेगा। बता दें ये जगह आपकी यात्रा में बेहद खास रहेगी। यहां आप मंगलवार छोड़कर किसी भी दिन सुबह 7 बजे से शाम को 7 बजे के बीच विजिट कर सकते हैं।
बेजोड़ है भोपाल का सांची स्तूप
भोपाल में मौजूद सांची के स्तूप की भव्यता अभी तक बेजोड़ है। इतिहासविद बताते हैं कि तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में इसे सम्राट अशोक के शासनकाल में बनवाया गया था। यह इमारत देश के प्रसिद्ध बौद्ध स्मारकों में से एक है। स्तूप के बड़े गुंबद में मौजूद एक केंद्रीय तिजोरी है, जिसमें भगवान बुद्ध के अवशेष रखे गए हैं। सांची स्तूप को सैलानियों के लिए रोजाना सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे खोला जाता है।
विश्व धरोहर में शामिल हैं भीमबेटका की गुफाएं
राजधानी भोपाल से करीब 45 किमी की दूरी पर दक्षिण में मौजूद भीमबेटका गुफाओं को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया है। इलाके के लोग बताते हैं कि ये गुफाएं सैकड़ों साल पुरानी हैं। इस जगह को महाभारत काल से जोड़ कर भी देखा जाता है। गुफाओं का नाम भीमबेटका (भीमटेक) पड़ने को लेकर बताया जाता है कि, इनका संबंध पांडवों के भाई भीम से रहा है। भोपाल में घूमने के लिए सबसे प्रमुख जगहों में से एक हैं भीमबेटका गुफाएं। गुफाओं को पर्यटकों को देखने की अनुमति सुबह 7 से शाम 6 बजे तक की है।
दर्शकों का हॉल था कभी भोपाल का शौकत महल
नवाबी तंजीम के शहर भोपाल में इस्लामी वास्तुकला के बीच एशियाई और पश्चिमी स्थापत्य कला की एक सुंदर इमारत शौकत महल सैलानियों द्वारा सबसे अधिक बार देखी जाने वाली जगहों में शुमार है। चौक क्षेत्र के प्रवेश द्वार पर सिकंदर बेगम के शासनकाल में बनाई गई इमारत कई शैलियों का एक अनूठा मिश्रण है। इसमें की गई बारीक अद्भुत नक्काशी इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देती है। शौकत महल नवाबों के दौर में आम लोगों के लिए बनाया गया सार्वजनिक हॉल था।
मोती मस्जिद की खिड़की से निहारे भोपाल अनुपम सौंदर्य
भोपाल में 1862 ईस्वी में तत्कालीन सम्राज्ञी सिकंदर जहां बेगम ने मोती मस्जिद का निर्माण कराया था। इसे देश की बेहतरीन मस्जिदों में से एक का खिताब हासिल है। सफेद संगमरमर से बनी बेहद खूबसूरत इस मस्जिद की वास्तुकला दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के जैसी ही है। बता दें कि मस्जिद के एक चमकदार सफेद भाग के चलते इसे मोती मस्जिद का नाम दिया गया। मस्जिद में मौजूद एक बड़े दालान की खिड़की से आप भोपाल का अनुपम सौंदर्य निहार सकते हैं।
ट्राइबल कल्चर देखना है तो आएं यहां
राजधानी भोपाल की बेहद खास व खूबसूरत जगहों में से एक है ट्राइबल म्यूजियम, यहां आप आदिवासी संस्कृति को निहार सकते हैं। यहां आने वाले सैलानियों को आदिवासी जीवन झलक देखने के लिए प्रवेश द्वार पर एक ब्रोशर भी दिया जाता है। जिससे आप इस संग्रहालय में मौजूद चित्रों और वास्तुकला को सहजता से समझ सकें। म्यूजियम कैंपस को 6 गैलरीज में बांटा गया है।
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