Bharat Bandh: कहीं स्कूल बंद...कहीं बाजार में सन्नाटा, कहीं व्यापारियों से बदसलूकी, देखिए MP में 'भारत बंद' का कितना असर?

Bharat Bandh: मध्य प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 'भारत बंद' शांतिपूर्ण तरीके से हो। इस दौरान किसी प्रकार से कानून व्यवस्था पर असर नहीं पड़ना चाहिए। हालांकि, कई जगहों पर स्कूल-कॉलेज और बाजार बंद कराए गए हैं।

Bharat Bandh Impact in MP

एमपी में भारत बंद का असर

Bharat Bandh: देशभर में भारत बंद के आव्हान के बाद इसका असर मध्य प्रदेश में भी देखने को मिल रहा है। राज्य में बीएसपी और जयस इसके समर्थन में हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी भारत बंद को समर्थन दिया। हालांकि, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस अलर्ट पर है। ग्वालियर संभाग में स्कूल-कॉलेजों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। उधर, इंदौर में भारत बंद का असर बाजार में पड़ रहा है। वहीं, गुना में बहुजन समाज पार्टी रैली का नेतृत्व कर रही है। इस दौरान व्यापारियों के साथ बदसलूकी की भी तस्वीरें सामने आई हैं। दुकानदारों का आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने दुकान का शटर गिराकर उन्हें दुकान के अंदर ही बंद कर दिया।

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क्यों हुआ भारत बंद

दरअसर, दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुधवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है। नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स (NACDAOR) ने मांगों की एक सूची जारी की है जिसमें अनुसूचित जातियों (SC), अनुसूचित जनजातियों (ST) और अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं। संगठन ने हाल में सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले के प्रति विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है, जो उनके अनुसार, ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी।

गृह विभाग ने दिए निर्देश

मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को निर्देश दिया है कि वे बुधवार को समुदाय आधारित आरक्षण को लेकर कुछ समूहों द्वारा आहूत दिन भर के ‘भारत बंद’ के दौरान कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी भारत बंद को समर्थन दिया। मंगलवार रात जारी एक परिपत्र में, राज्य के गृह विभाग ने भोपाल और इंदौर के पुलिस आयुक्तों के अलावा सभी जिलों के कलेक्टरों और एसपी को भारत बंद के दौरान अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया। अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) आरक्षण के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के एक अगस्त के फैसले के खिलाफ देश भर के 21 संगठनों ने बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है। संगठनों ने न्यायालय के फैसले का विरोध किया और कहा कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को नुकसान पहुंचेगा।

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सर्वोच्च न्यायालय ने एक अगस्त को कहा कि राज्यों को सामाजिक रूप से विषम वर्ग बनाने वाली अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि उन जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया जा सके जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी हैं। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया कि राज्यों को पिछड़ेपन और सरकारी नौकरियों में प्रतिनिधित्व के ‘‘मात्रात्मक और प्रदर्शन योग्य आंकड़ों के आधार पर उप-वर्गीकरण करना होगा, न कि सनक और राजनीतिक लाभ के आधार पर।

दिग्विजय सिंह ने बुधवार को सुबह सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं एससी एसटी के बीच वर्गों के विभाजन के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में भारत बंद का समर्थन करता हूं और सभी से सहयोग की अपील करता हूं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी भारत बंद को समर्थन दिया है।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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