Bhopal: अच्छी खबर! अब खराब मौसम नहीं डाल सकेगा फ्लाइट्स पर असर, राजा भोज एयरपोर्ट इस सिस्टम से होगा लैस

Bhopal : भोपाल के राजा भोज हवाई अड्डे को लैंडिंग सिस्टम कैटेगरी-2 में अपग्रेड करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। खराब मौसम के कारण भोपाल एयरपोर्ट से उड़ानों में होने वाली देरी या उनके डायवर्ट होने की शंका बहुत कम हो जाएगी। फिलहाल बारिश और सर्दी के मौसम में कोहरे के चलते राजा भोज एयरपोर्ट में करीब 15 से 20 फ्लाइटों में देरी होती है।

भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट पर लगेगा ये नया सिस्टम। फाइल फोटो

मुख्य बातें
  • राजा भोज एयरपोर्ट पर लगेगा लैंडिंग कैटेगरी सिस्टम
  • एक साल बाद उड़ानों में देरी की समस्या से मिलेगी निजात
  • अत्याधुनिक सिस्टम वाला एमपी का यह पहला एयरपोर्ट होगा

Bhopal : राजधानी भोपाल के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। अक्सर खराब मौसम के चलते उड़ानों में होने वाली लेट लतीफी से अब जल्द निजात मिलेगी। हालांकि इसमें एक साल की देरी लगेगी। भोपाल एयरपोर्ट ऑथोरिटी के मुताबिक अगले एक साल में खराब मौसम के कारण भोपाल एयरपोर्ट से उड़ानों में होने वाली देरी या उनके डायवर्ट होने की शंका बहुत कम हो जाएगी। फिलहाल बारिश और सर्दी के मौसम में कोहरे के चलते राजा भोज एयरपोर्ट में करीब 15 से 20 फ्लाइटों में देरी होती है।

वहीं खराब मौसम के चलते कई फ्लाइट्स डायवर्ट करनी पड़ती हैं। कई बार तो मौसम के हालात इतने बिगड़ जाते हैं कि कई उड़ानों को रद्द करना पड़ता है। ऐसे हालात से निपटने के लिए अब राजा भोज हवाई अड्डे को लैंडिंग सिस्टम कैटेगरी-2 में अपग्रेड करने की तैयारी पूरी हो चुकी है। एविएशन अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए जरूरी 11 एकड़ जमीन जल्द ही हवाई अड्डा प्राधिकरण को मिलने की उम्मीद है। हवाई अड्डे पर लाइटिंग और इंस्ट्रुमेंट लैंडिंग सिस्टम को अपग्रेड करने पर करीब 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस राशि की स्वीकृति दे दी है। वहीं टेंडर भी जारी कर दिए हैं।

दिसंबर 2023 में सिस्टम के शुरू होने का अनुमान

भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट के निदेशक रामजी अवस्थी के मुताबिक वर्तमान में भोपाल एयरपोर्ट पर रनवे की सादृश्यता रेंज 800 मीटर है। इस हाइट पर यदि पायलट को रनवे नजर आता है तो वह 60 मीटर ऊंचाई तक हवाई जहाज को लाने के बाद डिसाइड करता है कि फ्लाइट को लैंड करवाना है या नहीं। निदेशक के मुताबिक नया सिस्टम लग जाने के बाद रनवे की सादृश्यता रेंज घट कर महज 350 मीटर रह जाएगी। इसका फायदा ये होगा कि पायलट 30 मीटर उंचाई तक हवाई जहाज को ला सकेंगे और इसके बाद डिसाइड करेंगे कि विमान को रनवे पर उतारना है या नहीं। वहीं इसका एक और फायदा ये होगा कि भोपाल में अमूमन 30 मीटर की ऊंचाई तक आसमान साफ रहता है, जिसके चलते उड़ान को डाइवर्ट करने की समस्या से भी निजात मिलेगी। बता दें कि नए लैंडिंग सिस्टम को कैटेगरी- 2 में अपग्रेड करने के लिए हवाई अड्डा प्राधिकरण की ओर से दिसंबर 2023 तक शुरू करने का अनुमान जताया जा रहा है। राजा भोज प्रदेश का पहला एयरपोर्ट होगा, जहां पर अत्याधुनिक सिस्टम लगेगा।

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