BMHRC के एम्स में विलय की चर्चा, अब क्या होगा? चिंता में डूबे भोपाल गैस कांड के पीड़ित

भोपाल में दिसम्बर 1984 में हुए यूनियन कार्बाइड गैस हादसे के पीड़ितों की स्वास्थ्य के लिए बने बीएमएचआरसी अस्पताल के एम्स भोपाल के साथ प्रस्तावित विलय की निंदा की है। संगठनों ने कहा है कि उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री को पत्र लिखकर इस विलय के विचार को रद्द करने का आग्रह किया है-

चिंता में डूबे भोपाल गैस कांड के पीड़ित

Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में दिसम्बर 1984 में हुए यूनियन कार्बाइड गैस हादसे में हजारों लोग मारे गए थे और अब भी हजारों लोग इस हादसे के दुष्परिणाम झेल रहे हैं। इन‌ पीड़ितों को उनका हक दिलाने के लिए चार संगठन संघर्षरत हैं। इन संगठनों के नेताओं ने पीड़ितों के स्वास्थ्य के लिए बने बीएमएचआरसी अस्पताल के एम्स भोपाल के साथ प्रस्तावित विलय की निंदा की है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित बीएमएचआरसी अस्पताल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में विलय की चर्चाओं ने गैस पीड़ितों की चिंता बढ़ा दी है। गैस पीड़ितों के लंबे समय से संघर्ष कर रहे संगठनों ने विलय के प्रस्ताव की निंदा की है।

पीड़ितों के स्वास्थ्य को काफी नुकसान

संगठनों ने कहा है कि उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री को पत्र लिखकर इस विलय के विचार को रद्द करने का आग्रह किया है। विलय से पीड़ितों के स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचेगा। संगठनों ने बताया कि प्रस्तावित विलय भोपाल के पीड़ितों के स्वास्थ्य के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है।

End Of Feed