Bhopal: अच्छी खबर! BHEL बनाएगा अब ट्रेनों के कोच, वंदेभारत ट्रेन के रेक बनने से होगी शुरुआत
Bhopal: भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) अब भारत की सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन वंदे भारत सुपरफास्ट के 16 रैक बनाएगी। केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया कॉन्सेप्ट के तहत यह अभिनव प्रयोग किया जा रहा है। भेल अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा पहली बार होगा जब भारत हेवी इलेक्ट्रिल्स लिमिटेड में किसी भी ट्रेन का पूरा रैक बनेगा। भेल के अधिकारियों के मुताबिक, वंदे भारत हाई स्पीड ट्रेन के रैक बनाने में सफल होने के बाद अन्य ट्रेनों के आधुनिक रैक बनाए जाएंगे।
भोपाल स्थित भेल (BHEL) के कारखाने में बनेंगे अब ट्रेनों के रैक (सांकेतिक तस्वीर)
मुख्य बातें
- भोपाल के भेल स्थित कारखाने में बनेंगे वंदे भारत ट्रेन के रैक
- मेक इन इंडिया के तहत ये अभिनव प्रयोग किया जा रहा है
- अब तक भेल के कारखानों में रेलों के इंजन बनते थे
Bhopal: देश के लोगों के लिए ये एक अच्छी खबर है। जिसमें भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) की ओर से अब ट्रेनों के पूरे रैक तैयार किए जाएंगे। इस परियोजना के तहत सबसे पहले इसकी शुरुआत भारत की सबसे तेज दौड़ने वाली ट्रेन वंदे भारत सुपरफास्ट के 16 रैक बना की जाएगी। बता दें कि, केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया कॉन्सेप्ट के तहत यह अभिनव प्रयोग किया जा रहा है। भेल अधिकारियों के मुताबिक, ऐसा पहली बार होगा जब भारत हेवी इलेक्ट्रिल्स लिमिटेड में किसी भी ट्रेन का पूरा रैक बनेगा। बता दें कि, भेल के पास अत्याधुनिक निर्माण फैसेलिटी सहित विशेष आर एंड डी सेंटर भी है। यहां पर सोलर सिस्टम विकसित किया जाता है। इससे पहले भेल में मालगाड़ियों के इंजन बनाए जाते रहे हैं। भेल के अधिकारियों के मुताबिक, वंदे भारत हाई स्पीड ट्रेन के रैक बनाने में सफल होने के बाद अन्य ट्रेनों के आधुनिक रैक बनाए जाएंगे।
अब तक गुड्स ट्रेन के इंजन बन रहे थेगौरतलब है कि, अभी भेल के झांसी स्थित कारखाने में सिर्फ गुड्स ट्रेनों के इंजन बनाए जाते रहे हैं। राजधानी भोपाल स्थित भेल की फैक्ट्री में एक्सप्रेस ट्रेनों के इंजन चलाने वाली ट्रेक्शन मोटर का निर्माण भी किया जा चुका है। भोपाल के भेल कारखाने के अतिरिक्त महाप्रबंधक (पी एंड पीआर) विनोदानंद झा के मुताबिक, इंडियन रेलवे की ओर से भेल को अब ऐसे कई और ऑर्डर मिलने की संभावना है। जिसे लेकर इंडिय रेल मिनिस्ट्री से वार्ता का दौर चल रहा हैं। बता दें कि, भेल द्वारा भारी इलेक्ट्रिक मोटर्स व भारी बड़े ट्रांसफॉमर्स समेत कई हेवी इलेक्ट्रिक उपकरण बनाए जाते हैं। अब ऐसा पहली बार होगा कि, भेल की ओर से ट्रेनों के लिए डिब्बों का निर्माण किया जाएगा।
ये है भेल से जुड़ी खास बातेंबता दें कि, भेल को जमीन, छत और पानी से लेकर आकाश में सोलर सिस्टम लगाने का अनुभव है। अधिकारियों के मुताबिक, भेल के पास अत्याधुनिक निर्माण फैसेलिटी सहित विशेष आर एंड डी सेंटर भी है। इसकी खास बता ये है कि, यहां पर सभी प्रकार के सोलर प्लांट विकसति किए जाते हैं। जिसमें फ्लोटिंग सोलर, कैनल टॉप, स्पेस ग्रेड सोलर, सौलर पंप, ग्राउंड माउंटेड व रूफ टॉप हैं।
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