Bhopal: अच्छी खबर! अब मदीने का सफर होगा आसान, भोपाल - इंदौर से हज यात्रा पर जा सकेंगे, नहीं जाना पड़ेगा मुंबई

Bhopal: भोपाल व इंदौर के लोगों अब मुकद्दस हज के सफर के लिए मुंबई नहीं जाना पड़ेगा। यहां के मुस्लिम हज यात्री मक्का व मदीना के अपने हज का सफर अब भोपाल और इंदौर से कर सकेंगे। दोनों शहरों के इम्बार्केशन पॉइंट बनने से हज यात्रियों को फ्लाइट के लिए मुंबई जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पहली बार हज के सफर पर जाने वाले मुस्लिम अकीदतमंदों को हज फॉर्म मुफ्त मिलेंगे। इससे पहले हज के फॉर्म की फीस 300 रुपए थी।

भोपाल व इंदौर के लोगों को हज यात्रा पर जाने के लिए अब मुंबई नहीं जाना पड़ेगा (सांकेतिक तस्वीर)

मुख्य बातें
  • भोपाल व इंदौर के लोगों को अब हज के सफर के लिए मुंबई नहीं जाना पड़ेगा
  • दोनों शहरों के इम्बार्केशन पॉइंट बनने से यात्रियों को फ्लाइट सीधे यहीं से मिलेगी
  • हज के सफर पर जाने वाले मुस्लिम अकीदतमंदों को हज फॉर्म मुफ्त मिलेंगे


Bhopal: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित इंदौर के लोगों के लिए ये एक अहम खबर है। यहां के लोगों को अब पाक मुकद्दस हज के सफर के लिए मुंबई नहीं जाना पड़ेगा। यहां के मुस्लिम हज यात्री मक्का व मदीना के अपने हज का सफर अब भोपाल और इंदौर से कर सकेंगे। गौरतलब है कि, राज्य हज कमेटी के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की मुहर लग गई है।

कमेटी अध्यक्ष रफत वारसी के मुताबिक इस मुद्दे को हज कमेटी ऑफ इंडिया के जरिए केंद्र सरकार के सामने उठाया गया था। जिसके तहत भोपाल और इंदौर के इम्बार्केशन पॉइंट बनने से हज यात्रियों को फ्लाइट के लिए मुंबई जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। दरअसल ये साल 2018 में बंद हो गई थी। जिसे अब फिर से शुरू करने के बाद इन दोनों शहरों समेत आसपास के इलाके के लोगों के हज के सफर पर जाने की राह आसान हो जाएगी।

मुफ्त मिलेंगे हज के फॉर्म

कमेटी अध्यक्ष रफत वारसी के मुताबिक पहली बार हज के सफर पर जाने वाले मुस्लिम अकीदतमंदों को हज फॉर्म मुफ्त मिलेंगे। इससे पहले हज के फॉर्म की फीस 300 रुपए थी। वारसी के मुताबिक राज्य हज कमेटी के जरिए हर साल औसतन 4 हजार 800 यात्री हज यात्रा पर जाते हैं। यहां से मक्का व मदीना के हज के सफर पर जाने वाले लोगों का साल 2019 में आंकड़ा 6 हजार था। इसके बाद इनकी संख्या में कमी आने के चलते साल 2022 में ये घटकर महज 2 हजार 275 रह गई थी। इसकी मुख्य वजह कोरोना महामारी थी, जिसके कारण दो साल तक हज का सफर नहीं हुआ था। वारसी के मुताबिक बीते साल 2022 में यहां से हज का कोटा 1780 ही तय हुआ, जबकि हज यात्रियों की संख्या अधिक थी। हज कमेटी इस बार हज के सफर का कोटा बढ़ने का अनुमान लगा रही है।

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