Bhopal Metro: मेट्रो की सवारी के लिए तैयार भोपाल! 28 स्टेशनों से 2.2 लाख यात्री AC ट्रेन में करेंगे सफर

Bhopal Metro Inauguration Date, Ticket Price, Timing Details: भोपाल मेट्रो में सफर करने का सपना लेकर बैठे लोगों को अभी तीन साल और इंतजार करना होगा। भविष्य में शहरवासियों को 6 लाइनों पर मेट्रो की सवारी करने का मौका मिलेगा। इनमें से सबसे पहले भोपाल एम्स से सुभाषनगर तक मेट्रो के संचालन की तैयारी है। आइये जानते हैं 1 निर्माणाधीन, एक स्वीकृत और 4 प्रस्तावित कॉरिडोर में कुल कितने स्टेशन हैं?

भोपाल मेट्रो

मुख्य बातें
  • भोपाल मेट्रो परियोजना का कार्य जारी
  • 6 रूटों पर दौड़ेगी भोपाल मेट्रो
  • 2 लाइनों पर निर्माण कार्य स्वीकृत
Bhopal Metro Inauguration Date, Ticket Price, Timing Details: मस्तमौला शहर भोपाल बढ़ती आबादी के बोझ तले दबता जा रहा है। मध्य प्रदेश की राजधानी में लोकल यात्रा को लेकर दुश्वारियां नजर आती हैं। हालांकि, शहर के सभी हिस्सों को एक यातायात व्यवस्था से जोड़ने के लिए उचित कदम तो उठाए गए, लेकिन लेट लतीफी के कारण एक बड़ा प्रोजेक्ट अधर में लटका है। जी, हां शहरवासियों को जल्द से जल्द मेट्रो की सौगात देने के लिए तमाम वादे किए गए, लेकिन मेट्रो चलते देखने का सौभाग्य अभी मिलने वाला नहीं है। पहले फेज में शहर को दो लाइनों से जोड़ा जाएगा। वैसे तो 6 लाइनों को विकसित कर मेट्रो चलाने का प्लान है। फिलहाल, पर्पल लाइन का निर्माण कार्य जारी है। परियोजना के शिलान्यास के दौरान कयास लगाए गए थे कि 2022 तक लोगों को सफर का मौका मिलेगा। लेकिन, इसकी अवधि 2027 तक बढ़ा दी गई। निर्धारित तिथि से पांच साल विलंब से चल रही परियोजना के एम्स से सुभाष नगर के बीच पहले चरण में एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कार्य लगभग पूरा है। सबसे पहले इसी रूट पर मेट्रो संचालित की जाएगी। आइये जानते हैं 1 निर्माणाधीन, 1 स्वीकृत और 4 प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर शहर के किस हिस्से से होकर गुजरेंगे?
फिलहाल, भोपाल मेट्रो के लिए रेलवे ट्रैक पर 65 मीटर लंबा प्रीफैब्रिकेटेड रेलवे ब्रिज यानी आरओबी सफलतापूर्वक स्थापित किया है, जो हबीबगंज को एम्स भोपाल से कनेक्ट करता है। 400 मीट्रिक टन के इस पुल को तीन घंटे में स्थापित किया गया।
भोपाल मेट्रो को 2016 में राज्य सरकार की सैद्धांतिक मजूरी मिली थी। 2018 में कार्य शुरू होना था, लेकिन यह 2019 में शुरू हो सका। अब इसके पहले कॉरिडोर पर 2027 तक मेट्रो ट्रेन संचालित करने का लक्ष्य है। इस परियोजना के लिए 6941 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। भोपाल मेट्रो निर्माणधीन एक मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) है। पहले चरण के तहत 2 लाइनों में 28 स्टेशनों का निर्माण कार्य जारी है, जबकि चार अन्य लाइनें प्रस्तावित हैं। इसके निर्माण की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड (MPMRCL) इस परियोजना की प्रभारी है।
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