Bhopal: सावधान! अब बीवी से झगड़े तो जाओगे सलाखों के पीछे, पुलिस ने बनाए ये नए नियम
Bhopal: पति-पत्नी के विवादों से परेशान पुलिस ने आला अधिकारियों से झगड़ों को रोकने के लिए बाउंड ओवर कार्रवाई की परमिशन मांगी थी। पुलिस आयुक्त प्रणाली शुरू हुई है तो इस प्रपोजल को हरी झंडी मिल गई। इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत शहर के टीटी नगर थाने से शुरू की गई है। पहले उपखंड अधिकारी के पास धारा 107- 16 में बाउंड ओवर के अधिकार थे। यही वजह थी कि, पुलिस इस तरह के मामलों में सही समन्वय नहीं कर पाती थी। अब पूरी जिम्मेदारी पुलिस की बन गई है।
भोपाल में पुलिस करेगी बाउंड ओवर, पति- पत्नी झगड़े तो जाएंगे जेल (सांकेतिक तस्वीर)
मुख्य बातें
- घरेलू हिंसा के आंकड़ों में कमी लाने के लिए पुलिस की नई पहल
- पुलिस बाउंड ओवर की कार्रवाई करेगी घर में झगड़ा करने वालों के खिलाफ
- कमिश्नर प्रणाली शुरू होने के बाद पुलिस को मिला कार्रवाई का अधिकार
Bhopal: सावधान! राजधानी भोपाल में अब पति- पत्नी ने झगड़ा किया तो पुलिस भेजेगी सलाखों के पीछे। घरेलू हिंसा के बढ़ रहे आंकड़ों में कमी लाने के लिए भोपाल पुलिस ने एक नई कवायद शुरू की है। पुलिस का दावा है कि, इस नई तरकीब के बाद पारिवारिक विवादों में काफी हद तक कमी आएगी। पुलिस नवाचार के तहत पति-पत्नी के बीच झगड़ा होने पर इसे शांतिभंग माना जाएगा। दंपत्ति के थाने पहुंचने पर उनके खिलाफ पुलिस प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करेगी। इस अवधि के दौरान दोबारा कंपलेंट मिलने पर पुलिस आरोपी को जेल भेजेगी।
भोपाल पुलिस हेड क्वार्टर में डीएसपी विनीत कपूर के मुताबिक, पति-पत्नी के विवादों से परेशान पुलिस ने आला अधिकारियों से झगड़ों को रोकने के लिए बाउंड ओवर कार्रवाई की परमिशन मांगी थी। ये प्रपोजल लंबे समय से लंबित था। अब राजधानी में पुलिस आयुक्त प्रणाली शुरू हुई है तो इस प्रपोजल को हरी झंडी मिल गई। डीएसपी के मुताबिक, इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत शहर के टीटी नगर थाने से हुई ।
इससे होगा लोगों में सुधारडीएसपी कपूर के मुताबिक, कई लोग शराब पीकर घर में झगड़ा करते हैं, अपनी पत्नी से मारपीट करते हैं। इस घरेलू हिंसा के चलते परिजनों सहित पड़ोस के लोगों को परेशानी होती है। हालांकि लोग इसे लेकर डायल 100 या फिर थाने में सूचना देते हैं, मगर पुलिस मौके पर जाकर समझाइश कर देती है। लेकिन अगले दिन समस्या फिर वही रहती है। डीएसपी के मुताबिक, टीटी नगर थाने में इस नवाचार को सबसे पहले शुरू किया गया। यहां के इलाके में पारिवारिक विवादों में आई कमी को देखते हुए इसे अब हर पुलिस स्टेशन में शुरू किया जा रहा है।
पहले नहीं होता था सही समन्वयपुलिस महकमे के आला अधिकारियों के मुताबिक, पहले उपखंड अधिकारी के पास धारा 107- 16 में बाउंड ओवर के अधिकार थे। यही वजह थी कि, पुलिस इस तरह के मामलों में सही समन्वय नहीं कर पाती थी। अब पूरी जिम्मेदारी पुलिस की बन गई है। घरेलू झगड़ों में बाउंड ओवर की कार्रवाई की गई, जिसमें पुलिस बार-बार पति - पत्नी को थाने बुलाकर फॉलोअप लेने लगी। इससे आपसी विवादों में कमी आई। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, शांति भंग होने की आशंका को देखते हुए पति और पत्नी या महज पति को बाउंड ओवर करती है। जिसमें थाने में अनावेदक पक्ष को हर 15 दिन में या फिर एक माह में हाजिर होना पड़ता है। हाजिर नहीं होने की स्थिति में अनावेदक के खिलाफ वारंट इश्यू किया जाता है। बाउंड ओवर की अवधि में फिर से झगड़ा किया तो सलाखों के पीछे भी जाना पड़ सकता है।
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