Bhopal: भोपाल जाएं तो 'सुलेमानी चाय' की चुस्की जरुर लें, ये खास स्वाद है यहां की नमक वाली चाय का
Best Food in Bhopal: नवाबों के शौक के तौर पर शुरू हुई सुलेमानी चाय आज भी उबल रही है। अब रजवाड़े तो नहीं रहे मगर इस खास चाय का स्वाद आम लोगों की जुबां पर चढ़ कर बोलता है। अगर आपको भोपाल जाने का मौका मिले तो इस खास तरह की नमक वाली चाय का स्वाद जरूर चखें। रियासत के नवाब इस चाय के शौकिन थे।
भोपाल आएं तो नवाबों के दौर की नमक वाली सुलेमानी चाय की चुस्की जरूर लें
मुख्य बातें
- भोपाल में नवाबों के दौर में शुरू हुई थी सुलेमानी चाय
- साबुत नमक से बनने वाली चाय का है खास जायका
- यहां का पोहा - जलेबी भी नहीं हैं किसी से कम
Best Places to Visit in Bhopal For Food: आपने अदरक, इलायची व कई तरह के मसालों सहित लेमन टी, हनी टी व ग्रीन टी के बारे में तो जरूर सुना होगा। वैसे भी हमारे देश में हर घर में चाय की चुस्कियां ली जाती है। मगर हम आज आपको बताएंगे एक ऐसे स्वाद वाली चाय के बारे में जिसके बारे में सुनकर आपको भी हैरानी होगी। जी हां, भोपाल के पुराने इलाके में बनती है नमक वाली चाय। क्यों चौंक गए ना। अब जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी। खास तौर पर नवाबों के लिए जाना जाने वाला मध्यप्रदेश का शहर भोपाल। जहां नवाबों के शौक के तौर पर शुरू हुई सुलेमानी चाय आज भी उबल रही है। अब रजवाड़े तो नहीं रहे मगर इस खास चाय का स्वाद आम लोगों की जुबां पर चढ़ कर बोलता है। अगर आपको भोपाल जाने का मौका मिले तो इस खास तरह की नमक वाली चाय का स्वाद जरूर चखें। सर्दियों में भोपाल के लोग इसका जायका लेते हैं। संबंधित खबरें
ये है चाय के पीछे की कहानीसुलेमानी चाय के चलन को लेकर इस कारोबार से जुड़े लोगों के मुताबिक उनके पुरखों ने 100 साल से भी पहले दुकान पर चाय बनाने की शुरूआत की थी। ये वो दौर था जब भोपाल में बिजली तक नहीं आई थी। एक दुकान के मालिक के मुताबिक उनकी चौथी पीढ़ी सुलेमानी चाय बना रही है। यहां कि रियासत के नवाब इस चाय के शौकिन थे। हालांकि इसका यहां पर प्रचलन कैसे हुआ इसे लेकर किसी के पास कोई खास जानकारी नहीं है। हां लोग बताते हैं कि नवाबों ने अरब की तर्ज पर इसे यहां पीना शुरू किया था।
ऐसे बनाया जाता है इसेसुलेमानी चाय बनाने के लिए सबसे पहले चाय पत्ती के साथ पानी को बॉइल किया जाता है। इसके बाद पीने वालों की तादाद के मुताबिक इसमें साबुत नमक व चीनी डाली जाती है। इसके पूरे मिश्रण को करीब एक घंटे तक उबाला जाता है। खास बता ये है कि, चाय के लिए दूध को अलग से उबाला जाता है। इसे परोसते समय दूध को कप में डाला जाता है। इसके बाद उपर से मलाई डाली जाती है, जो कि इसका जायका बढ़ा देती है।
भोपाल आएं तो पोहा - जलेबी जरूर खाएंयदि आप कुछ नमकीन मीठा नाश्ता खाना चाहते हैं तो भोपाल के पुराने इलाके में जाएं, जहां पर आपको मिलेगा ताजा, गर्म मसालेदार भोपाली पोहा। जलेबी के साथ इसका स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। ये यहां का मैन ब्रेकफास्ट है। शहर की हर गली चौराहों पर लोग चटकारे लेकर इसे खाते दिख जाएंगे। हर वक्त मिलने वाले गर्म पोहे को सेव व फ्राई हरी मिर्च सहित जलेबी के साथ परोसा जाता है। इसका यहां पर एक अलग ही स्वाद आपको खाने को मिलेगा।
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