भोपाल: कृपया ध्यान दें! अब एमपी में डीएल बनवाना होगा महंगा, जानिए क्या है वजह
Bhopal: एमपी में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना टिपिकल होने सहित महंगा भी हो सकता है। राज्य में अब हैवी व्हीकल्स को चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस तभी मिलेगा जब ड्राइवर इन्हें पहले चलाने का प्रशिक्षण लेंगे। 6 सप्ताह तक की ट्रेनिंग लेने की एवज में चालक को 10 हजार रुपए तक का भुगतान करना पड़ सकता है।
आने वाले समय में मध्य प्रदेश में डीएल बनवाना होगा महंगा (सांकेतिक तस्वीर)
- अब बिना ट्रेनिंग नहीं मिलेगा लाइसेंस
- कई शहरों में खुलेंगे ड्राइविंग ट्रेनिंग रिसर्च केंद्र
- डाइविंग लाइसेंस के लिए चुकाने होंगे 10 हजार रुपए
Bhopal: मध्य प्रदेश सहित भोपाल के लोगों के लिए ये खबर जानना जरूरी है। बता दें कि, आने वाले समय में एमपी में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना टिपिकल होने सहित महंगा भी हो सकता है। इसे लेकर सूबे के परिवहन मुख्यालय की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर इंदौर व छिंदवाड़ा में प्रदेश स्तरीय इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च खोलने की मंजूरी मिल गई है।
महकमे के आला अधिकारियों के मुताबिक केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसे मंजूरी दे दी है। इधर, अगर से सब कुछ समय पर हुआ तो अब एमपी के इन बड़े शहरों में डीएल बनवाना महंगा होगा। वहीं डीएल बनवाना अब और कठिन हो जाएगा।
अब बिना ट्रेनिंग नहीं मिलेगा लाइसेंसपरिवहन आयुक्त संजय कुमार के मुताबिक प्रदेश में शुरुआती दौर में जिला स्तरीय ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर सिंगरौली में आर्यन मोटर, सतना में सार्थक वेल फेयर सोसायटी व धार में मालवा ड्राइविंग में खोलने की योजना को मंजूरी दी गई है। परिवहन आयुक्त के मुताबिक, वर्तमान में अभी 75 आवेदन केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में लंबित चल रहे हैं, जिसमें ग्वालियर भी शामिल है। विभागीय जानकारी के मुताबिक, राज्य में अब हैवी व्हीकल्स को चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस तभी मिलेगा जब ड्राइवर इन्हें पहले चलाने का प्रशिक्षण लेंगे। 6 सप्ताह तक की ट्रेनिंग लेने की एवज में चालक को 10 हजार रुपए तक का भुगतान करना पड़ सकता है।
यहां खुलेंगे ड्राइविंग ट्रेनिंग रिसर्च केंद्रअपर परिवहन आयुक्त अरविंद सक्सेना के मुताबिक, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के इंदौर व छिंदवाड़ा में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर खोलने को मंजूरी दी है। इसके अलावा प्रदेश तीन-तीन जिलों में संभाग स्तरीय व जिला स्तरीय ट्रेनिंग सेंटर खोलने की योजना को भी मंजूरी दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक, अब नए ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर खुलने के बाद प्रदेश में जहां प्रशिक्षण लेने की राह आसान होगी। वहीं ड्राइविंग लाइसेंस बनावना कठिन व महंगा हो जाएगा। इस योजना की खास बात ये होगी कि, अब अप्रशिक्षित लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिलेगा।
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