Bhopal: रंग पंचमी पर होगी लेक सिटी की सड़कें रंगीन, होली की तर्ज पर लोग होंगे रंगों से सराबोर पढ़िए पूरी खबर

Bhopal: राजधानी के पुराने इलाके में रंगपंचमी पर चल समारोह जुलूस पुराने शहर, बरखेड़ी और शाहपुरा में बड़े स्तर निकाला गया। इंदौर का आसमान रविवार को रंगपंचमी पर सतरंगी हो गया है। उज्जैन में ज्योर्तिलिंग बाबा महाकाल के मंदिर से रंगपंचमी की शुरुआत हुई। सबसे पहले उज्जयिनी के राजा बाबा महाकाल को टेसू को फूलों से बना प्राकृतिक रंग लगाया गया।

Bhopal Rang Panchami

भोपाल में रंगपंचमी पर निकल गेर चल समारोह जुलूस (फाइल फोटो)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • भोपाल में रंगपंचमी पर गेर समारोह जुलूस निकला
  • इंदौर में भी जमीन से लेकर आसमान तक रंगों की बहार दिखी
  • उज्जैन में बाबा महाकाल को सर्वप्रथम टेसू के फूलों का रंग लगाया गया

Bhopal: होली पर्व के 5 दिन बाद रविवार को राजधानी भोपाल एक बार फिर से रंगीन हो उठी है। मौका था रंगपंचमी पर निकलने वाले गेर चल समारोह का। रंगों से सराबोर हुरियारों की टोलियां पूरे मूड में दिखीं। सड़कें सतरंगी हो गई तो पूरी फिजा रंगों में घुली नजर आई। चल समारोह जुलूस पुराने शहर, बरखेड़ी और शाहपुरा में बड़े स्तर पर निकाला गया। शहर की हिंदू उत्सव समिति की ओर से समारोह में ऊंट और घोड़े शामिल किए गए व भगवान श्रीकृष्ण व राधा रानी की जीवंत झांकियां सजाई गई।

वहीं लोगों पर टैंकरों से रंगीन पानी की बौछारें की गई। बता दें कि, राजधानी के पुराने इलाके में रंगपंचमी पर चल समारोह निकालने की रवायत सवा सौ साल से भी अधिक पुरानी है। चल समारोह में भगवा पताके, ढोल व तासे बजाने वाली पार्टियों समेत डीजे, शिव-पार्वती नृत्य होली, शमसान की झांकी, गोवर्धन पार्वत झांकी, राधा-कृष्ण का फागोत्सव व करीला नृत्य मंडली की झांकी, सजी थीं।

इकाॅनोमी सिटी इंदौर हुई रंगीनमध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर का आसमान रविवार को रंगपंचमी पर सतरंगी हो गया है। जहां तक नजर जा रही है, वहां तक जमीन से लेकर आसमान तक उड़ते रंग-गुलाल दिखाई दिए। त्योहर को लेकर शहर के लोगों का उत्साह चरम पर रहा। रंगपंचमी की गेर के आगे बढ़ने के साथ ही लोगों का कारवां इसमें जुड़ते जा रहा था। 300 साल पुरानी इस परंपरा में इस रंगपंचमी पर करीब एक लाख से अधिक लोग शामिल हुए। शहर में करीब तीन किमी से लंबी गेर निकलने का सिलसिला दोपहर 2 बजे तक चला। इधर, इंदौर की कई कॉलोनियों और गली-मोहल्लों में लोग एक-दूसरे को रंग और गुलाल लगाते दिखे।

बाबा महाकाल ने मनाई टेसू के फूलों से रंगपंचमीमध्य प्रदेश के उज्जैन में ज्योर्तिलिंग बाबा महाकाल के मंदिर से रंगपंचमी की शुरुआत हुई। रविवार को प्रातः 4 बजे मंदिर के पट खोले गए। जल से बाबा महाकाल का अभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शक्कर व ताजे फलों के रस से बने पंचामृत से महाकालेश्वर का पूजन किया गया। वहीं विजया, चंदन व सूखे मेवों से बाबा का अलौकिक श्रृंगार किया गया। इसके बाद सबसे पहले उज्जयिनी के राजा बाबा महाकाल को टेसू को फूलों से बनें प्राकृतिक रंग लगाया गया। इसके बाद मंदिर परिसर में पुजारियों व श्रद्धालुओं न रंगपंचमी पर एक दूजे को रंग लगाया। बता दें कि, इस बार मंदिर में 5 क्विंटल टेसू के फूलों से रंग बनाया गया था।

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