Bhopal: बाघों को मिलेगा अब दौड़ाने के लिए नया मैदान, भोपाल से सीहोर तक बनेगा नया कॉरिडोर, पढें पूरी खबर

Bhopal: भोपाल वृत्त के वन महकमे ने फॉरेस्ट इलाके का रकबा बढाने का एक प्रपोजल सूबे की शिवराज सिंह सरकार को बना कर भेजा है। प्रोजेक्ट को वन विहार फेस- 2 भोपाल- सीहोर कंजर्वेशन रिजर्व के नाम से बनाया गया है। इसका फायदा ये होगा कि क्षेत्र में विचरण कर रहे बाघों को इसके बाद एक बड़ा इलाका मिल जाएगा। फिलहाल भोपाल के वन विहार इलाके में 18 टाइगर मौजूद हैं, जिन्हें इस परियोजना में शामिल किया गया है।

भोपाल में बाघ अब दूर तक दौडे़ंगे, बनेगा लंबा काॅरिडोर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मुख्य बातें
  • परियोजना का मकसद टाइगर की चहल कदमी इंसानी इलाकों में रूके
  • रेवेन्यू फॉरेसट लैंड पर अतिक्रमण ना हो ताकि जंगल जीवन महफूज रहे
  • काॅरिडोर बढ़ेगा तो बाघों को विचरण के लिए लंबा इलाका मिल सकेगा


Bhopal: नवाबों के शहर भोपाल के इतिहास में अब एक और सितारा जोड़ने की कवायद की जा रही है। अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो लेक सिटी में पहले से मौजूद वन विहार जैसा एक और इलाका मिल जाएगा। सूत्रों के मुताबिक भोपाल वृत्त के वन महकमे ने फॉरेस्ट इलाके का रकबा बढ़ाने का एक प्रपोजल सूबे की शिवराज सिंह सरकार को बना कर भेजा है।

वन विभाग के आला अधिकारियों के मुताबिक, प्रोजेक्ट को वन विहार फेस- 2 भोपाल- सीहोर कंजर्वेशन रिजर्व के नाम से बनाया गया है। इसका फायदा ये होगा कि क्षेत्र में विचरण कर रहे बाघों को इसके बाद एक बड़ा इलाका मिल जाएगा। फिलहाल भोपाल के वन विहार इलाके में 18 टाइगर मौजूद हैं, जिन्हें इस परियोजना में शामिल किया गया है।

इतना बढ़ जाएगा बाघों का इलाका वन महकमे के अधिकारियों के मुताबिक, नए बनाए गए प्रोजेक्ट में सीहोर व भोपाल वन मंडल का कुल मिलाकर 12 हजार 551 एकड़ इलाका शामिल किया गया है। सरकार की ओर से इस योजना को हरी झंडी मिलते ही राजधानी के टाइगर सिंघोरी तक घूम सकेंगे। इसके अलावा नौरादेही और पन्ना टाइगर रिजर्व तक बाघ जा सकेंगे। वन विभाग वृत्त भोपाल मुख्य वन संरक्षक राजेश खरे की ओर से सीहोर वन मंडल डीएफओ अनुपम सहाय व भोपाल वन मंडल डीएफओ आलोक पाठक ने इस प्रोजेक्ट का खाका खींचा है। वन विभाग के मुताबिक, फिलहाल इन इलाकों में बाघों व इंसानो का आपस में टकराव होता है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य टाइगर को सुरक्षित इलाका मिले व जंगल जीवन में इंसानी दखल रोकना है। इसके अलावा रेवेन्यू व फॉरेस्ट लैंड पर लगातार हो रहे अतिक्रमण को रोकना भी है, जिससे वन्यजीवों के घर महफूज रहेंगे।

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