Bhopal से अच्छी खबर! बघीरा के घर में बाइसन का कुनबा बढ़ा, पर्यटकों को लुभा रहा जंगल जीवन

Bhopal Wildlife Update: पेंच टाइगर रिजर्व इंडियन बाइसन के कुनबे से गुलजार है। बाइसन (गौर) जिसे जंगली भैंसा भी कहा जाता है। इस समय बाइसन का परिवार बढ़ रहा है, जो कि पर्यटकों को रोमांचित कर रहा है। गौरतलब है कि, पेंच टाइगर रिजर्व मध्यप्रदेश के 6 टाइगर रिजर्व में से एक है। वयस्क बाइसन और बच्चों के शरीर का कलर अलग-अलग देखने को मिल रहा है। वयस्क बाइसन का ऊपरी हिस्सा काला है व पैर सफेद होते हैं। वहीं बच्चों का ऊपरी कलर भूरा व पैर सफेद हैं।

एमपी के पेंच टाइगर रिजर्व में घास के मैदानों में मौजूद बाइसन फैमिली

मुख्य बातें
  • बघीरा के घर पेंच टाइगर रिजर्व में आए बाइसन परिवार के नन्हें मेहमान
  • गौर के बच्चों को देखने पार्क में उमड़ी पर्यटकों की भीड़
  • वर्तमान में पार्क में 3 हजार से भी अधिक बाइसन है मौजूद


Bhopal Wildlife Update: मध्यप्रदेश का पेंच नेशनल पार्क जिसे बघीरा (ब्लैक पेंथर) के घर के नाम से भी जाना जाता है। बघीरा तो आप समझ ही गए होंगे। जंगल बुक में मोगली का दोस्त। बता दें कि, इस समय बघीरा का घर यानी की पेंच टाइगर रिजर्व इंडियन बाइसन के कुनबे से गुलजार है। बाइसन (गौर) जिसे जंगली भैंसा भी कहा जाता है। इस समय बाइसन का परिवार बढ़ रहा है, जो कि पर्यटकों को रोमांचित कर रहा है। गौरतलब है कि, पेंच टाइगर रिजर्व मध्यप्रदेश के 6 टाइगर रिजर्व में से एक है।

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पार्क में बिल्ली परिवार के सबसे बड़े सदस्य टाइगर के अलावा ब्लैक पेंथर भी है। इसके अलावा पार्क की पहचान बाइसन से भी है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, इस समय पार्क में करीब 3 हजार से अधिक गौर हैैं। विगत कई दिनों में पार्क में बाइसन परिवार में कुछ नन्हें मेहमानों की आवक हुई है। इस समय बाइसन के 8 से 10 व्यस्कों के झुंड में करीब 4 से 5 बच्चे दिख रहे हैं। इससे अब पार्क में बाइसन की संख्या में इजाफा हुआ है। पेंच टाइगर रिजर्व के उप निदेशक रजनीश कुमार सिंह के मुताबिक, पेंच में बाइसन की अगली पीढ़ी आ गई है। इस समय घास के मैदान नन्हें मेहमानों से रोशन हैं। पर्यटक बाइसन फैमिली को देखकर खुशी सें फूले नहीं समा रहे हैं। सर्दियों के मौसम में पार्क में पर्यटकों की आवक बढ़ी है।

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