चैत्र नवरात्र 2023: मध्य प्रदेश में यहां स्थित हैं पौराणिक महत्व की ये शक्तिपीठ, साल भर लगता है आराधकों का तांता, जानिए क्या खास है यहां
Chaitra Navratri 2023: मां विजयासन जिन्हें विंध्यवासिनी भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, महाभारत काल से पहले से ही इस विजयासन शक्तिपीठ की प्रसिद्धि रही है। देशभर के श्रद्धालु देवी मां के दर्शनों व अपनी मनोकामनाओं को लेकर यहां आते हैं। विंध्य पर्वत माला के त्रिकूट पर्वत पर देवी शारदा का मंदिर है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, इस स्थान पर माता सती का हार गिरा था।
मध्य प्रदेश में विंध्याचल की पहाड़ी पर 800 फीट ऊपर विराजित है मां विजयासन (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
- मां विंध्यवासिनी का मंदिर है 6 हजार साल पुराना
- त्रिकूट पर्वत पर गिरा था माता सती का हार
- नवरात्रों में लगती है इन मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें
Chaitra Navratri 2023: देश के कुल 51 शक्तिपीठों में से कई मध्य प्रदेश में हैं। जिसमें उज्जैन की मां हरसिद्धि, मैहर की मां शारदा व सलकनपुर में मां विजयासन है, जिन्हें विंध्यवासिनी भी कहा जाता है। इन शक्तिपीठों में देश के कई हिस्सों से श्रद्धालु यहां आते हैं।
यहां पर भक्त मां की विशेष आराधना व पूजा- अर्चना करते हैं। शारदीय व चैत्र नवरात्रों में यहां पर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगती हैं। इस वर्ष चैत्र प्रतिप्रदा के नवरात्र आने वाले हैं, तो चलिए आपको बताते हैं मध्य प्रदेश की प्रमुख शक्तिपीठों के पौराणिक महत्व व मान्यताओं के बारे में…
मां विजयासन विराजित है 800 फीट ऊंचे पहाड़ परमध्य प्रदेश में मां नर्मदा के तट से सटे सीहोर जनपद के बुदनी उपखंड से करीब 25 किमी की दूरी पर विंध्याचल की सुरमयी वादियों में प्रकृति की अद्भुत छटा के बीच स्थित है सलकनपुर। यहां जमीन से करीब 800 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ पर विराजित हैं मां विजयासन जिन्हें विंध्यवासिनी भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, महाभारत काल से पहले ही इस विजयासन शक्तिपीठ की प्रसिद्धि रही है। स्कंद पुराण में जिस सिद्धेश्वर वैष्णवी देवी तीर्थ का उल्लेख है, वह विंध्य पर्वत पर मां विजयासन का स्थान है। मान्यता है कि, मंदिर छह हजार साल पुराना है, जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंचने पर इस मंदिर का जीर्णोद्धार कई बार किया जा चुका है। मंदिर में अखंड धूनी और अखंड ज्योति सदियों से आज भी प्रज्वलित है। देश भर के श्रद्धालु देवी मां के दर्शनों व अपनी मनोकामनाओं को लेकर यहां आते हैं।
त्रिकूट पर है देवी शारदा का मंदिर मध्य प्रदेश में विंध्य पर्वत माला के त्रिकूट पर्वत पर देवी शारदा का मंदिर है। यह देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, इस स्थान पर माता सती का हार गिरा था। यही वजह है कि, इस शक्तिपीठ का नाम माई का हार से अपभ्रंस होकर मैहर पड़ा। बताया जाता है कि, आल्हा नाम का एक शख्स मां शारदा का परम भक्त था। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर माता ने उन्हें अमृत्व का वरदान दिया था। इलाके के लोगों में दंतकथा प्रचलित है कि, देवी के भक्त आल्हा आज भी मंदिर में हर रोज प्रातः मां की पूजा करने आते हैं। वहीं इलाके के लोग ये भी दावा करते हैं कि, मां शारदा की प्रतिमा के नीचे एक शिलालेख है। जिसकी लिपि अभी तक कोई नहीं पढ़ पाया।
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