इंदौर के 200 साल पुराने मंदिर में विवाह समारोह पर बवाल, लोगों ने जताई नाराजगी; जांच का आदेश
मध्य प्रदेश के इंदौर में एक 200 साल पुराने मंदिर में विवाह समारोह को लेकर बवाल मच गया है। स्थानीय लोगों ने विवाह समारोह को लेकर नाराजगी जताई। लोगों का कहना है कि समारोह की वजह से आम भक्तों को मंदिर में भगवान का दर्शन नहीं हो पाया-
Indore News: इंदौर में करीब 200 साल पुराने गोपाल मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन पर बवाल मचने के बाद प्रशासन ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है। अधिकारियों ने बताया कि शहर के राजबाड़ा क्षेत्र के उस गोपाल मंदिर में रविवार को एक विवाह समारोह आयोजित किया गया, जिसका केंद्र सरकार की ‘स्मार्ट सिटी’ परियोजना के तहत करीब 13 करोड़ रुपये की लागत से पुनरुद्धार किया गया है।
वैदिक पद्धति से शादी की रस्में पूरी की गई
चश्मदीदों के मुताबिक इस समारोह के लिए मंदिर परिसर में विशेष साज-सज्जा की गई और वैदिक पद्धति से शादी की रस्में अदा किए जाने के साथ ही मेहमानों के लिए भोज का इंतजाम भी किया गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि भगवान कृष्ण के ऐतिहासिक मंदिर में इस आयोजन से आम भक्तों को दर्शन में परेशानी हुई और मंदिर परिसर के आस-पास यातायात बाधित हुआ।
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ऐतिहासिक विरासत से जुड़ा है मंदिर
मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रही हैं। लोग तीखी नाराजगी जताते हुए सवाल कर रहे हैं कि शहर की ऐतिहासिक विरासत से जुड़े इस मंदिर में विवाह समारोह के आयोजन को मंजूरी आखिर कैसे दे दी गई? सोशल मीडिया पर एक कथित रसीद भी सामने आई है जिसमें इस मंदिर का प्रबंधन करने वाले ‘‘संस्थान श्री गोपाल मंदिर’’ को इस विवाह समारोह के संबंध में राजकुमार अग्रवाल नाम के व्यक्ति द्वारा 25,551 रुपये चुकाए जाने का जिक्र है। सरकारी सील वाली इस रसीद पर 29 जुलाई 2024 की तारीख लिखी है।
मामले की जांच का आदेश दिया गया
अधिकारियों ने बताया कि गोपाल मंदिर में रविवार को हुए विवाह समारोह की जानकारी मिलने पर एक अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (एडीएम) को इस मामले की जांच का आदेश दिया गया है। ‘इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिव्यांक सिंह ने बताया कि 19वीं शताब्दी के होलकरकालीन गोपाल मंदिर का ‘स्मार्ट सिटी’ परियोजना के तहत पुनरुद्धार किया गया है और इसमें करीब 13 करोड़ रुपये की लागत आई है।
इतिहासकार जफर अंसारी ने बताया कि गोपाल मंदिर का निर्माण तत्कालीन होलकर राजवंश की राजमाता कृष्णा बाई होलकर ने वर्ष 1832 में 80,000 रुपये की लागत से कराया था। उन्होंने कहा, ‘‘गोपाल मंदिर होलकरों के राज के दौरान खासकर परमार्थ गतिविधियों का बड़ा केंद्र रहा था। इस मंदिर में विवाह समारोह का आयोजन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे आयोजनों से इस ऐतिहासिक विरासत को नुकसान पहुंच सकता है।’’
इनपुटः भाषा
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