जापानी मॉडल पर होगा MP का विकास, कई मल्टीनेशनल कंपनियां करेंगी इन्वेस्टमेंट, जानें किससे क्या हुई बात?
मध्य प्रदेश में निवेश के लिए जापानी कंपनियों ने गहरी रुचि दिखाई है। मोहन सरकार ने राज्य में जापान प्लस सेल स्थापित करने का फैसला किया है। इसके तहत एक डेडिकेटेड टीम जापान के निवेशकों के साथ संपर्क और फॉलोअप करेगी। इतना ही नहीं, प्रदेश के विकास के लिए अब यहां जापानी मॉडल अपनाया जाएगा।

CM मोहन यादव
भोपाल: मध्यप्रदेश के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। जापान की कई बड़ी कंपनियों ने यहां निवेश करने में गहरी रुचि दिखाई है। राज्य में जापान-मध्यप्रदेश औद्योगिक सहयोग फोरम की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। प्रदेश में जल्द जापानी इंडस्ट्रियल पार्क, कौशल विकास केंद्र और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग हब की स्थापना हो सकती है। इसके अलावा सरकार ने राज्य में जापान प्लस सेल स्थापित करने का फैसला किया है। इसके तहत एक डेडिकेटेड टीम जापान के निवेशकों के साथ संपर्क और फॉलोअप करेगी। इतना ही नहीं, प्रदेश के विकास के लिए अब यहां जापानी मॉडल अपनाया जाएगा। इस तरह मोहन सरकार के मिशन ज्ञान (गरीब-युवा-अन्नदाता-नारी शक्ति) को पूरा करने में जापान बड़ी भूमिका अदा कर सकता है। जापान के निवेश करने से प्रदेश में औद्योगिक विकास, रोजगार, स्व-रोजगार सहित कई सेक्टर में जबरदस्त बदलाव आ जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस यात्रा के दौरान जापान के उद्योगपतियों-निवेशकों को ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (GIS) का न्योता भी दिया।
जापान से लौटे CM मोहन यादव
गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 1 फरवरी की शाम जापान से स्वदेश लौटे। उन्होंने नई दिल्ली में बताया कि मध्यप्रदेश की ये महत्वपूर्ण जापान यात्रा राज्य के लिए अनेक संभावनाएं लेकर आई है। टोक्यो और ओसाका में आयोजित बैठकों-रोड-शो में जापानी कंपनियों ने मध्य प्रदेश में गहरी रुचि दिखाई है। जापान भारत का पांचवां सबसे बड़ा निवेशक है, जिसने पिछले दो दशकों में भारत में 38 बिलियन डॉलर से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 20 बिलियन डॉलर का है, जो निरंतर बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश और जापान के बीच मजबूत व्यापारिक रिश्ते रहे हैं।
जापान को होने वाला निर्यात बढ़ा- सीएम
सीएम डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश में पहले से ही कई जापानी कंपनियां सफलतापूर्वक काम कर रही हैं। ब्रिजस्टोन ने पीथमपुर में विश्वस्तरीय टायर प्रोडक्शन प्लाटं लगाया है। यह प्लांट रोजगार सृजन और निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। पैनासोनिक जैसी दिग्गज कंपनी ने प्रदेश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। एनएसके, सानोह और कामात्सु जैसी जापानी कंपनियां भी प्रदेश में काम कर रही हैं। ये कंपनियां ऑटोमोटिव और मशीनरी क्षेत्र में अहम योगदान दे रही हैं। मध्यप्रदेश से जापान को होने वाला निर्यात निरंतर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जापान यात्रा के दौरान बैठकों से इन व्यापारिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी। साथ ही नए निवेश और व्यापारिक अवसर भी खुलेंगे।
मंत्री-गवर्नर से क्या हुई बात
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि टोक्यो की गवर्नर युरिको कोइके के साथ हुई बैठक ऐतिहासिक थी। कोइके के साथ सरकार की बैठक में शहरी विकास के नए आयामों पर चर्चा हुई। टोक्यो मेट्रोपॉलिटन गवर्नमेंट की विशेषज्ञता का लाभ प्रदेश के शहरों को मिलेगा। भोपाल और इंदौर के लिए मेट्रो रेल प्रौद्योगिकी, स्मार्ट सिटी समाधान, जल प्रबंधन और कचरा प्रबंधन में विशेष सहयोग प्राप्त होगा। टोक्यो के विकास मॉडल को प्रदेश में अपनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि जापान के विदेश मंत्रालय में संसदीय उप-मंत्री हिसाशी मात्सुमोतो के साथ भी अहम बैठक हुई। इस बैठक में प्रदेश में जापानी निवेश को सुगम बनाने के लिए विशेष प्रयास करने पर सहमति बनी। व्यापार मिशन का आदान-प्रदान, कौशल विकास में जापानी विशेषज्ञों की भागीदारी, जापान-मध्य प्रदेश औद्योगिक सहयोग फोरम की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।
इनके साथ हुई अहम चर्चा
सीएम डॉ. यादव ने बताया कि जापान के भूमि-बुनियादी ढांचा मंत्रालय (MLIT) के मंत्री यासुशी फुरुकावा के साथ बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मध्यप्रदेश में हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर की संभावनाओं का अध्ययन किया जाएगा। स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम के विकास और लॉजिस्टिक्स में जापानी मॉडल को अपनाने पर सहमति बनी। ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर में विशेष सहयोग से प्रदेश में सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा। जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (The Japan External Trade Organization-JETRO) के अध्यक्ष सुसुमु काताओका के साथ बैठक में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए विशेष फ्रेमवर्क पर सहमति बनी। जेट्रो से प्रदेश में अपना कार्यालय स्थापित करने की अपील की गई है। जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी (JICA-Japan International Cooperation Agency) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शोहेई हारा के साथ बैठक में विकास परियोजनाओं पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। सरकार ने जेआईसीए के सामने भोपाल-इंदौर-उज्जैन शहरी परिवहन, जापानी औद्योगिक पार्क, जल संरक्षण, शहरी नवीनीकरण, कौशल विकास और कृषि तकनीक में नई परियोजनाओं का प्रस्ताव रखा। इनके अलावा सरकार की टोयोटा, ब्रिजस्टोन, सिस्मैक्स, पैनासोनिक एनर्जी, यूनिक्लो, एबारा कॉर्पोरेशन, नितोरी होल्डिंग्स, योकोगावा इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन, हेल्थ केयर कंवनी एएनडी, जापान बिजनेस फेडरेशन, टेक्नोक्राफ्ट लिमिटेड कंपनियों से भी वन-टू-वन बातचीत हुई।
रोड-शो में शामिल हुईं ये बड़ी कंपनियां
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि टोक्यो में उद्योगपतियों के साथ इंटरेक्टिव सेशन शानदार रहा। 'सेलिब्रेटिंग इंडिया-जापान रिलेशनशिप: फोकस मध्य प्रदेश' रोड-शो में जापान की प्रमुख कंपनियों और व्यापारिक संगठनों ने भाग लिया। इसके दौरान मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास, निवेश नीतियों और विशेष क्षेत्रों, फार्मा, टेक्सटाइल, ऑटोमोटिव और खाद्य प्रसंस्करण में अवसरों पर प्रस्तुतियां दी गईं। प्रतिभागियों ने राज्य की बुनियादी सुविधाओं, कुशल श्रमशक्ति और व्यापार सुगमता में विशेष रुचि दिखाई। इस कार्यक्रम में किटामुरा केमिकल्स, निप्पॉन कोएई इंजीनियरिंग, एप्सन, मित्सुई, हिताची, नोकिया, सुमितोमो, सोजिट्ज इंजीनियरिंग, यासुदा लॉजिस्टिक्स और जापान लॉजिस्टिक्स जैसी कंपनियों ने भाग लिया। इसी तरह ओसाका में हुए रोड-शो में युमेया-हाचिमन, याहाता इंजीनियरिंग, अल्पाइन जापान, मिकी कॉर्पोरेशन, डायोस, ओसाका गैस, कोइजुमी अपैरल, मोराबु हांशिन, कुबोटा, कंसाई पेंट।
क्यों खास होगी जीआईएस, क्या-कैसी है तैयारी?
सीएम डॉ. यादव ने बताया कि ग्लोबल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 (GIS) 24-25 फरवरी को भोपाल में होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को इस कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में चार प्रमुख विभागीय सम्मेलन होंगे. इनमें विभागीय समिट (आईटी, एनर्जी, टूरिज्म, एमएसएमई), विशेष प्रवासी सत्र, सेक्टोरल सेशन और बायर-सेलर मीट शामिल हैं। जीआईएस के दौरान ऑटो और टेक्सटाइल एक्सपो के साथ नवीन तकनीकों का प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र होगा। एक जिला-एक उत्पाद की अनूठी प्रदर्शनी राज्य की विविधता को दर्शाएगी।
4 लाख करोड़ से अधिक के प्रस्ताव मिले
सीएम डॉ. यादव ने बताया कि रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में मध्यप्रदेश में 4 लाख करोड़ से अधिक के निवेश के प्रस्ताव मिले। राज्य सरकार ने 30 हजार करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव को भूमि आवंटित की है। उन्होंने बताया कि जीआईएस में जापान और अन्य देशों की दिग्गज कंपनियों की सक्रिय भागीदारी इस समिट की विशेषता होगी। जापान यात्रा के दौरान टोयोटा, ब्रिजस्टोन, योकोगावा, यूनिक्लो, और पैनासोनिक जैसी विश्वस्तरीय कंपनियों ने समिट में भाग लेने की पुष्टि की है। जीआईएस 2025 न केवल निवेश का मंच होगा, बल्कि यह भारत-जापान औद्योगिक सहयोग का एक नया अध्याय लिखेगा। इसमें मध्य प्रदेश केंद्रीय भूमिका निभाएगा।
एमपी-जापान की साझेदारी देश को देगी नई दिशा
उन्होंने बताया कि राज्य को वैश्विक निवेश का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए हमने मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम में जापान प्लस सेल की स्थापना करने का फैसला किया है। यह सेल जापान के निवेशकों के साथ संपर्क का नियमित फॉलो अप करेगी। सीएम डॉ. यादव ने बताया कि जापान यात्रा न केवल निवेश और तकनीकी सहयोग का एक नया अध्याय है, बल्कि यह दो संस्कृतियों के मिलन से विकास की एक नई कहानी लिख रही है। आने वाले समय में मध्यप्रदेश और जापान की यह साझेदारी भारत के विकास में एक नया मॉडल स्थापित करेगी।
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