अंबेडकर महाकुंभ में शामिल हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान, बोले- पंच क्रांति के जरिए समाज के सभी वर्गों का होगा कल्याण

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में अम्बेडकर महाकुंभ में शामिल हुए और कहा कि पंच क्रांति में शिक्षा की क्रांति, रोजगार की क्रांति, आवास अर्थात रहने के लिये जमीन की क्रांति एवं सभी वर्गों के सम्मान की क्रांति के जरिए सभी का कल्याण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि शिक्षित रहोगे तो आगे बढ़ोगे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

मुख्य बातें
  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ग्वालियर में हुए भव्य अंबेडकर महाकुंभ में शामिल हुए
  • समाज की सभी पिछड़ी जातियों के कल्याण के लिये बनाए जायेंगे अलग-अलग बोर्ड
  • सीएम ने 61 करोड 33 लाख लागत के छात्रावास भवनों का किया शिलान्यास एवं लोकार्पण
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में अम्बेडकर महाकुंभ में कहा कि इस सुअवसर पर हम प्रदेश के विकास और समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए पंच क्रांति की बात करने आए हैं। पंच क्रांति में शिक्षा की क्रांति, रोजगार की क्रांति, आवास अर्थात रहने के लिये जमीन की क्रांति एवं सभी वर्गों के सम्मान की क्रांति शामिल है। उन्होंने ग्वालियर में बाबा साहब अम्बेडकर धाम और संस्थान स्थापित करने के लिये स्थल उपलब्ध कराने और समाज के सभी वर्गों के कल्याण के उद्देश्य से समस्त पिछड़ी उप जातियों के अलग-अलग बोर्ड बनाने की धोषणाएं कीं।
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शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि शिक्षित रहोगे तो आगे बढ़ोगे। इसी भाव के साथ प्रदेश सरकार ने शिक्षा की क्रांति के तहत श्रमोदय विद्यालय और ज्ञानोदय जैसे विद्यालय खोले हैं। छात्रावासों की स्थापना की है। साथ ही यदि किसी बच्चे को छात्रावास उपलब्ध नहीं हो पाता तो कमरे का किराया भी सरकार भर रही है। मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रमों और विदेश में पढ़ाई की फीस भी सरकार भर रही है। प्रदेश में अब हिंदी में भी मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की गई है। कायाकल्प अभियान में छात्रावासों की व्यवस्था बेहतर की जा रही है।
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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में दूसरी क्रांति रोजगार की क्रांति के रूप में चल रही है। प्रदेश में एक लाख 24 हजार पदों पर शासकीय भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को संत रविदास स्व-रोजगार योजना में एक लाख से 50 लाख एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर आर्थिक कल्याण योजना में 10 हजार से एक लाख रूपए तक का ऋण-अनुदान उपलब्ध करा रही है। पढ़े-लिखे बच्चों को अलग-अलग औद्योगिक सेक्टर का काम सिखाने के साथ-साथ हर बच्चे को 8 हजार रूपए प्रतिमाह मानदेय भी दे रही है।
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