Bhopal: अच्छी खबर, अब टाइगर रहेंगे इंसानों के संग! दुनिया का पहला शहर बना भोपाल, जहां बाघों पर हुई ये रिसर्च

Bhopal: संभवत: भोपाल विश्व का एकमात्र ऐसा शहर है, जहां बाघ और इंसान एक साथ रह रहे हैं। खास बात ये है कि, यहां इंसानों और बाघों के बीच शायद ही कभी भी संघर्ष नहीं हुआ। बाघ इंसानों को देखकर एग्रेसिव नहीं होते। वे इंसानों को देखकर छिप जाते हैं। टाइगर्स ने अपना स्वभाव भी बदल लिया है। भोपाल में बाघों की नेचुरल हैबिटेट को अब समूचे इंडिया में एक मॉडल की तरह रखा जाएगा। लोगों को टाइगर के बारे में समझाने के लिए रिसर्च पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई जाएगी। जिससे पता चले कि कैसे इंसान और टाइगर एक साथ कैसे रहते हैं।

भोपाल में हुई बाघों पर रिसर्च का मॉडल समूचे देश के सामने रखा जाएगा (सांकेतिक तस्वीर)

मुख्य बातें
  • भोपाल में अब तक इंसानों पर नहीं हुआ एक भी टाइगर अटैक
  • भोपाल के टाइगर मूवमेंट पर बनेगी डॉक्यूमेंट्री फिल्म
  • देश में सबसे ज्यादा टाइगर एमपी में

Bhopal : मध्य प्रदेश का भोपाल देश का ही नहीं बल्कि संभवतया विश्व का एकमात्र ऐसा शहर है, जहां बाघ और इंसान एक साथ रह रहे हैं। खास बात ये है कि यहां इंसानों और बाघों के बीच में शायद ही कभी भी संघर्ष हुआ है। भोपाल वन मंडल डीएफओ आलोक पाठक के मुताबिक रिसर्च में ये तथ्य उभर कर सामने आए हैं कि शहर में फीमेल टाइगर सहित टाइगर कब्स में इंसानों के व्यवहार को सहने की क्षमता काफी हद तक विकसित हुई है।

अब बाघ इंसानों को देखकर एग्रेसिव नहीं होते। वे इंसानों को देखकर छिप जाते हैं। टाइगर्स ने अपना स्वभाव भी बदल लिया है। इंसानों की दखलअंदाजी का वे बर्दाश्त करने लगे हैं। बाघ अब इलाके में अपना मूवमेंट दिन के बजाय रात्रि में करते दिखते हैं।

अब भोपाल का मॉडल जानेगा इंडियाडीएफओ आलोक पाठक के मुताबिक हाल ही में पेंच नेशनल पार्क में एक टाइगर ने अटैक कर एक इंसान को मार दिया था, जबकि दूसरे को गंभीर घायल कर दिया था। ग्रामीणों ने इसे लेकर आक्रोश जताया था। इस स्थिति को लेकर भोपाल में बाघों की नेचुरल हैबिटेट को अब समूचे इंडिया में एक मॉडल की तरह रखा जाएगा। डीएफओ के मुताबिक भोपाल जनपद में रह रहे 15 टाइगर्स ने इलाके को बांट रखा है। बता दें कि भोपाल में टाइगर्स और इंसानों के बीच के कॉर्डिनेशन को लेकर वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के स्टूडेंट ने 3 साल रिसर्च की है।

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