MP News: हिट एंड रन से जुड़े कानून के खिलाफ प्रदेश के कुछ हिस्‍सों में प्रदर्शन, अब तक इन जगहों पर हुआ विरोध

Hit and Run Law: प्रदर्शनकारी चालकों ने मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग और इंदौर में कुछ सड़कों को भी अवरुद्ध कर दिया, जिससे आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाली गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुई।

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भोपाल में चालकों ने लालघाटी पर प्रदर्शन किया।

तस्वीर साभार : भाषा

Hit and Run Law: मोटर चालकों से जुड़े हिट-एंड-रन दुर्घटना मामलों के संबंध में नए दंड कानून में प्रावधान के खिलाफ ट्रकों और टैंकरों सहित वाणिज्यिक वाहनों के चालकों ने सोमवार को मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में काम बंद कर दिया और विरोध स्वरूप कुछ स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध कर दीं। विरोध प्रदर्शन के बीच, लोग इस डर से विभिन्न शहरों में पेट्रोल पंप पर पहुंचे कि आंदोलन से ईंधन आपूर्ति प्रभावित होगी। परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने आंदोलनरत चालकों से इस मुद्दे पर सरकार से चर्चा करने की अपील की है। उन्होंने कहा, "कानून बनाने का मतलब यह नहीं है कि यह उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए बनाया गया है। उन्हें चर्चा के माध्यम से इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए। हम उनसे बात करेंगे।" उन्होंने कहा कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर लोगों और वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करेगी।

जिले में डीजल-पेट्रोल की कमी नहीं: डीएम

प्रदर्शनकारी चालकों ने मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग और इंदौर में कुछ सड़कों को भी अवरुद्ध कर दिया, जिससे आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाली गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुई। भोपाल में चालकों ने लालघाटी पर प्रदर्शन किया और सिटी बसें और अन्य वाहन रोके तथा कुछ प्रदर्शनकारी एमपी नगर के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर भी एकत्र हुए। भोपाल के जिलाधिकारी आशीष सिंह ने कहा कि जिले में डीजल और पेट्रोल की कोई कमी नहीं है। इंदौर जिला प्रशासन ने तेल कंपनियों और पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की। बैठक में अतिरिक्त कलेक्टर गौरव बैनल ने तेल कंपनियों और डीलरों से ईंधन और एलपीजी की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा।

कानून में संशोधन की मांग

एक विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रशासन ने बैठक में ड्राइवरों और परिवहन संघों के प्रतिनिधियों का पक्ष सुना और उनसे गुमराह नहीं होने को कहा। औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत, लापरवाही से गाड़ी चलाकर गंभीर सड़क दुर्घटना का कारण बनने वाले और पुलिस या प्रशासन के किसी भी अधिकारी को सूचित किए बिना भागने वाले ड्राइवरों को 10 साल तक की सजा हो सकती है या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। बोर्ड ऑफिस चौराहे पर एक प्रदर्शनकारी प्रमोद सिकरवार ने कहा, "नया कानून चालकों के हित के खिलाफ है। चालक किसी को मारना नहीं चाहते, लेकिन दुर्घटनाएं हो जाती हैं। ऐसे मामलों में लोग चालक के खिलाफ हो जाते हैं। हम मांग करते हैं कि नए कानून में संशोधन किया जाए।"

हिट एंड रन कानून का विरोध

इंदौर में विरोध प्रदर्शन के तहत गंगवाल बस स्टैंड पर बसें सड़क पर खड़ी कर दी गईं। ‘मध्य प्रदेश पेट्रोलियम एसोसिएशन’ के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, "हिट-एंड-रन मामलों में नया कानून सभी वाहनों पर लागू होगा, न कि केवल टैंकरों या ट्रकों पर। कुछ स्थानों पर समस्याएं हैं और लोग घबराहट में ईंधन इकठ्ठा करने के लिए परेशान हो रहे हैं।" उन्होंने कहा कि सड़क अवरोध के कारण कुछ स्थानों पर ईंधन टैंकर फंसे हुए हैं, लेकिन अधिकांश पेट्रोल पंपों पर पर्याप्त पेट्रोल और डीजल है। ‘ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस’ की परिवहन समिति के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने इंदौर में बताया,‘‘हिट एंड रन के मामलों में सरकार द्वारा अचानक पेश किए गए कड़े प्रावधानों को लेकर चालकों में आक्रोश है और उनकी मांग है कि इन प्रावधानों को वापस लिया जाए।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को ‘‘हिट एंड रन’’ के मामलों में अन्य देशों की तर्ज पर सख्त प्रावधान लाने से पहले उनकी तरह बेहतर सड़क और परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे पहले दिन में, ड्राइवरों ने धार और शाजापुर जिलों में मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप वाहनों की कतारें लग गईं। एक अन्य घटना में, इंदौर में गंगवाल बस स्टैंड के पास ड्राइवरों ने अपनी बसें चौराहे पर खड़ी कर दीं और धरना दिया, जिससे लोगों को असुविधा हुई।

पुलिस को करना लाठीचार्ज इंदौर के विजय नगर चौराहे पर प्रदर्शनकारियों की सड़क जाम करने की कोशिश को पुलिस ने हल्के लाठीचार्ज से नाकाम कर दिया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि ड्राइवरों ने लोगों को चार पहिया वाहनों से उतरने के लिए मजबूर किया। सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) हेमंत चौहान ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को कड़े शब्दों में चेतावनी देकर चक्काजाम खत्म कराया गया। उन्होंने बताया कि सड़क पर चक्काजाम करके यातायात बाधित करने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ उचित कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं। इस बीच, सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में सड़क पर विरोध प्रदर्शन के दौरान चालक यह आरोप लगाकर हंगामा करते नजर आ रहे हैं कि एक पुलिस अधिकारी ने उन्हें डराने के लिए पिस्तौल निकाल ली। इंदौर के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) उमाकांत चौधरी के मुताबिक, यह घटना क्षिप्रा थाना क्षेत्र में रविवार को सामने आई, लेकिन उन्होंने प्रदर्शनकारी चालकों का आरोप खारिज किया। उन्होंने कहा,‘‘पुलिस अधिकारी अपनी पिस्तौल को चमड़े के खोल में रख भर रहा था। उसका इरादा प्रदर्शनकारियों को डराने का नहीं था।’’ ग्वालियर में रविवार को सिकरौदा इलाके में कुछ वाहन चालकों ने सड़क जाम कर दी, जिसके बाद पुलिस ने बिलौआ थाने में मामला दर्ज किया।

हड़ताल की बात का खंडन

‘ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन’ (एआईएमटीए) की राज्य इकाई के अध्यक्ष सुनील माहेश्वरी ने कहा कि ट्रक या टैंकर मालिकों की कोई हड़ताल नहीं है। माहेश्वरी ने कहा, "कुछ टैंकर और ट्रक चालकों ने अपने वाहन खड़े कर दिए हैं। उन्हें सूचित किया जा रहा है कि नए कानून सिर्फ ट्रक चालकों पर ही नहीं बल्कि वाहन चलाने वाले हर व्यक्ति पर लागू होते हैं। फिलहाल कोई हड़ताल नहीं होगी।" ग्वालियर जिला पेट्रोल पंप एसोसिएशन के संरक्षक दीपक सचेती ने बताया कि रविवार को कुछ समय के लिए रायरू स्थित पेट्रोल डिपो से कुछ टैंकरों में पेट्रोल-डीजल नहीं आया। सचेती ने कहा कि केवल 10 प्रतिशत चालकों को नए नियम समझ में नहीं आए हैं, लेकिन उन्हें समझाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में डीजल और पेट्रोल की कोई कमी नहीं है।

कार्रवाई की चेतावनी

जबलपुर संभागायुक्त अभय वर्मा ने बैठक कर संबंधित प्रतिनिधियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति प्रभावित न हो। उन्होंने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में ईंधन आपूर्ति संघों के प्रतिनिधियों ने तुरंत ईंधन आपूर्ति करने पर सहमति व्यक्त की। विज्ञप्ति के अनुसार, ''भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 106 (2) के तहत यह आवश्यक नहीं है कि दुर्घटना करने वाले वाहन का चालक घटना स्थल पर ही रुके। वह कुछ दूर जाकर पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को फोन या अन्य माध्यम से दुर्घटना की जानकारी भी दे सकता है।’’

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