Invest in MP: निवेशकों के लिए राज्य सरकार की खास योजना, जिले में ही मिलेगा हर समाधान

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विभिन्न स्थानों पर क्षेत्रीय कार्यक्रम आयोजित करते हुए निवेशकों से बात की। सरकार ने निवेशकों की जरूरतों को समझते हुए जिला स्तर पर निवेश प्रोत्साहन केंद्र बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।

निवेशकों के लिए MP सरकार की खास योजना

MP: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा निवेशकों को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग (Department of Industrial Policy and Investment Promotion) ने एक बड़ा फैसला लिया है। ये फैसला निवेशकों के हित में लिया गया है। निवेशकों को अधिक से अधिक सुविधा देने के लिए जिला स्तर पर निवेश प्रोत्साहन केंद्रों की स्थापना करने की तैयारी की जा रही है। इससे निवेशकों को किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा और उनकी जरूरते भी समय से पूरी हो जाएंगी। जानकारी के अनुसार, प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने इस क्रम में कई स्थानों का दौरा किया और वहां के निवेशकों से संवाद किया।

निवेशकों को मिलेगा सरकार मशीनरी का सहयोग

मुख्यमंत्री मोहन यादव के दौरे के दौरान विभिन्न स्थानों पर क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किए गए। इस दौरान उन्होंने निवेशकों से संवाद भी किया। निवेशकों को सरकारी मशीनरी का बेहतर सहयोग मिल सके, इसके लिए अब सरकार निवेश प्रोत्साहन केंद्र स्थापित कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार, ये केंद्र जहां भी स्थापित किए जाएंगे उन स्थानों पर निवेशकों के लिए बेहतर सुविधाएं सुलभ होंगी। संवाद के लिए संसाधन उपलब्ध होंगे। साथ ही कलेक्टर स्व-विवेक से जिले में एक अधिकारी को नामांकित करेंगे।

इन केंद्रों तक पहुंचने वाले निवेशक सीधे तौर पर कलेक्टर से भी संवाद कर सकेंगे। इस केंद्र पर निवेशक की जरूरत के साथ अनुमतियों सहित अन्य जरूरत को सूचीबद्ध किया जाएगा और निवेशक का आवेदन विभागों को भेजा जाएगा। इसके साथ ही समाधान के बाद वह आवेदन वापस आएगा। जिलों में नवीन औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के लिए अविकसित शासकीय भूमि चिन्हित की जाएगी और इस भूमि को औद्योगिक नीति तथा निवेश प्रोत्साहन विभाग अथवा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग और अन्य विभागों को हस्तांतरित करने के लिए जिला स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा जिले में उपलब्ध स्थानीय संसाधनों एवं इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम की जानकारी जुटाने के बाद निवेशकों को दी जाएगी। इन केंद्रों के लिए निवेश संवर्धन एवं समन्वय समिति का गठन किया जाएगा, जिसका अध्यक्ष कलेक्टर होगा। इसके अलावा 14 अन्य सदस्य होंगे।

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