कूनो नेशनल पार्क से फिर आई बुरी खबर, चीता 'ज्वाला' के दो और बच्चों की मौत
Kuno National Park: ज्वाला ने सितंबर में नामीबिया से केएनपी आने के बाद मार्च के अंतिम सप्ताह में चार शावकों को जन्म दिया था। ज्वाला को पहले सियाया नाम से जानी जाती थी। 23 मई को पाया कि तीनों शावकों की हालत ठीक नहीं है। हालांकि, उपचार के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
चीता ज्वाला के दो और शावकों की मौत
Kuno National Park: भारत में जन्मे चीता 'ज्वाला' के दो और शावकों की कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में मौत हो गई है। एक वन अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। पिछले तीन दिनों में कूनो नेशनल पार्क में मरने वाले चीता शावकों की संख्या तीन हो गई है। इससे पहले 23 मई को वहां एक शावक की मौत हो गई थी। इन दोनों शावकों की मौत भी 23 मई को ही हो गयी थी, लेकिन इसकी सूचना बृहस्पतिवार दोपहर को मिली।
हालांकि, इन दोनों शावकों की की मौत की सूचना 23 मई को नहीं देने के पीछे के कारण का खुलासा अधिकारी ने नहीं किया। बता दें, भारत में चीतों को पुनः बसाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना के हिस्से के रूप में दक्षिण अफ्रीका देशों से लाए गए चीतों को केएनपी में रखा गया है।
ज्वाला ने चार शावकों को दिया था जन्म
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 23 मई को एक चीता शावक की मौत के बाद, निगरानी टीम ने मादा चीता ज्वाला और उसके बाकी तीन शावकों की गतिविधियों पर नजर रखी। ज्वाला ने सितंबर में नामीबिया से केएनपी आने के बाद मार्च के अंतिम सप्ताह में चार शावकों को जन्म दिया था। ज्वाला को पहले सियाया नाम से जानी जाती थी। विज्ञप्ति में बताया कि निगरानी दल ने 23 मई को पाया कि तीनों शावकों की हालत ठीक नहीं है और उनका उपचार कर बचाने का निर्णय लिया गया। उस समय दिन का तापमान 46 से 47 डिग्री सेल्सियस के आसपास था।
चौथे शावक की भी हालत स्थिर
इलाज के बावजूद दोनों शावकों को बचाया नहीं जा सका। चौथे शावक की हालत स्थिर है और उसका भी गहन इलाज चल रहा है। चीतों के विलुप्त होने के 70 साल बाद भारत में पिछले साल चीतों को दक्षिण अफ्रीकी देशों से दो जत्थों में केएनपी लाया गया था। नामीबियाई चीतों में से एक साशा की 27 मार्च को गुर्दे की बीमारी के कारण मौत हो गयी, जबकि दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीते उदय की 13 अप्रैल को मौत हो गयी। वहीं, दक्षिण अफ्रीका से लाए गए मादा चीते दक्षा ने इस साल नौ मई को दम तोड़ दिया था।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author
मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेर...और देखें
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