Loktantra Senani Samman Nidhi: लोकतंत्र सेनानी को अब मिलेंगे 30000 रुपए प्रति माह, सीएम शिवराज ने किया ऐलान

Loktantra Senani Samman Nidhi: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को प्रदान की जा रही 25 हजार रुपए की सम्मान निधि को बढ़ाकर 30 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाएगा। जो लोकतंत्र सेनानी एक माह से कम अवधि के लिए बंदी रहे हैं, उनकी सम्मान निधि 8 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए की जाएगी।

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बढ़ाई Loktantra Senani Samman Nidhi

Loktantra Senani Samman Nidhi: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आपातकाल में भी लोकतंत्र सेनानियों ने भारत माता का जयघोष किया। सत्ताधीशों ने अपने आप को सत्ता में बनाए रखने के लिए लोकतंत्र का गला घोंटा गया, परन्तु लोकतंत्र सेनानियों ने बिना परिणामों की परवाह किए यातनाएं और कष्ट सहे। उन्होंने देश की आजादी की तीसरी लड़ाई लड़ी। इस संघर्ष का सम्मान हमारा कर्तव्य और धर्म है। मुख्यमंत्री चौहान प्रदेश के लोकतंत्र सेनानियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को प्रदान की जा रही 25 हजार रुपए की सम्मान निधि को बढ़ाकर 30 हजार रुपए प्रतिमाह किया जाएगा। जो लोकतंत्र सेनानी एक माह से कम अवधि के लिए बंदी रहे हैं, उनकी सम्मान निधि 8 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए की जाएगी। दिवंगतों के परिवारों को दी जाने वाली निधि भी 5 हजार से बढ़ाकर 8 हजार रूपए की जाएगी।

लोकतंत्र सेनानियों को मिलेंगी ये सुविधाएं

लोकतंत्र सेनानियों को दिल्ली प्रवास के दौरान मध्यप्रदेश भवन में ठहरने की सुविधा होगी। जिलों के विश्राम गृह और रेस्ट हाऊस में वे 2 दिन तक 50 प्रतिशत शुल्क देकर रह सकेंगे। साथ ही सभी तरह की बीमारियों का सम्पूर्ण इलाज राज्य शासन द्वारा कराया जाएगा। शासकीय कार्यालयों में उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार हो, इसके लिए विशेष निर्देश जारी किए जा रहे हैं। लोकतंत्र सेनानियों को राज्य शासन की ओर से ताम्रपत्र प्रदान किए गए थे, जिन्हें ताम्रपत्र मिलना शेष हैं उन्हें भी तत्काल ताम्रपत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। लोकतंत्र सेनानी किसी भी तरह के कष्ट और परेशानी में अपने आप को अकेला न समझें, राज्य सरकार उनके साथ है।

लोकतंत्र बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आपातकाल में कई परिवार तबाह हुए। यह वह दौर था जब कोई अपील- कोई वकील- कोई दलील नहीं सुनी जाती थी। लोकतंत्र सेनानियों ने एक सिद्धांत, विचारधारा और संगठन के लिए यातनाएं सहीं, यह उस विचार का सम्मान था, जिसने लोकतंत्र को बचाया। आज इसी विचारधारा का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत की शान को बढ़ाया है। वर्तमान में भी लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। जिनकी लोकतंत्र में आस्था नहीं है, जिनका भारतीय संस्कृति- मूल्यों और परम्पराओं से कोई लेना-देना नहीं है, उनसे सतर्क रहना जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपने संबोधन में बाबा नागार्जुन और श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपयी जी की कविताओं की पंक्तियों का उल्लेख भी किया।

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