'बंदरों की सेना' सच नहीं...हनुमान जी भी आदिवासी, हम उन्हीं के वंशज- कांग्रेस MLA का दावा

वैसे, इससे पहले कांग्रेस के एक और एमएलए अर्जुन सिंह काकोडिया ने भगवान शिव और बजरंगबली को आदिवासी बताया था। महीने की शुरुआत में बरघाट निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक काकोडिया ने दावा किया था, ‘‘मंथन से अमृत निकला था। समझदार लोगों ने अमृत पिया और विष बच गया...अब उस विष का क्या करें? वह जहर किसने पिया था? हिमालय में रहने वाले भोले भंडारी ने ही पिया था।’’

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइलः iStock)

भगवान हनुमान भी आदिवासी हैं और प्रभुश्री राम को लंका ले जाने वाले आदिवासी थे। बंदरों की सेना की बात सच नहीं है। यह दावा मध्य प्रदेश में कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार ने किया है। गंधवानी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सिंघार ने शुक्रवार (नौ जून, 2023) को धार जिले में एक रैली के दौरान कहा- राम को लंका ले जाने वाले आदिवासी ही थे।

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जनसभा में उन्होंने बताया, कुछ लेखकों ने अपनी कहानियों में लिखा है कि बंदरों की एक सेना थी, लेकिन यह सच नहीं है। असल में सभी आदिवासी थे जो जंगल में रहते थे। कहानियां लिखने वाले तोड़मरोड़ कर देते हैं, लेकिन मैं कहता हूं कि हनुमान भी आदिवासी हैं। वे भगवान राम को लंका ले गए थे। अत: हम उन्हीं के वंशज हैं। हम बिरसा मुंडा, टंट्या मामा और हनुमान के वंशज हैं। गर्व से कहो कि हम आदिवासी हैं।

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