MP Assembly Election 2023: एमपी की गद्दी में 19 मुख्यमंत्रियों ने किया राज, सबसे लंबा कार्यकाल शिवराज का तो कौन रहा एक दिन का सीएम?
MP Assembly Election 2023- 1956 में मध्यप्रदेश गठन के बाद राज्य में अब तक 19 मुख्यमंत्री रह चुके हैं। शिवराज सिंह चौहान, दिग्विजय सिंह, सुंदर लाल पटवा उन मुख्यमंत्रियों में से हैं, जिन्होंने प्रदेश में सबसे लंबे समय तक शासन किया है। वहीं, शिवराज सबसे लंबे तो राजा नरेशचंद्र सिंह सबसे कम समय तक सीएम रहने का रिकॉर्ड कायम कर चुके हैं।
एमपी में अबतक रहे मुख्यमंत्री
MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश का सियासी रण अन्य राज्यों के मुकाबले अलग है। यहां के 16 वीं विधानसभा चुनाव में भी राजशाही की झलक आज भी कायम है। 1956 में मध्यप्रदेश गठन के बाद राज्य में राजघरानों का दबदबा रहा है। इनमें से कईयों को लंबे समय तक सत्ता का सुख भोगने का भी अवसर मिला। कई राजकुंवर प्रदेश की सरकार में मंत्री रहे तो किसी ने बतौर मुख्यमंत्री राज्य में लंबे समय तक राज किया। कुल मिलाकर राज्य के गठन के बाद अब तक 19 मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पंडित रविशंकर शुक्ल मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने थे। वहीं, शिवराज सिंह चौहान, दिग्विजय सिंह, सुंदर लाल पटवा उन मुख्यमंत्रियों में से हैं, जिन्होंने प्रदेश में सबसे लंबे समय तक शासन की बागडोर थामे रखी। इनमें से शिवराज को प्रदेश में सबसे लंबे समय तक सीएम रहने का रिकॉर्ड कायम करने का गौरव हासिल है। तो आइये जानते हैं किस मुख्यमंत्री को कितने दिनों तक राज्य में सत्ता का सुख नशीब हुआ।
12 दिन के सीएमपहले बात सबसे कम दिन तक सीएम रहे नेताओं की बात। इनमें से राजा नरेशचंद्र सिंह तो सिर्फ 12 दिन ही सीएम की कुर्सी पर बैठ सके। वहीं, भगवंतराव मंडलोई 21 दिन तक बतौर सीएम राज्य की बागडोर संभाली। मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ल सिर्फ 60 दिन मुख्यमंत्री रह सके थे, लेकिन इसमें एक नाम सबसे चर्चित है, वह हैं अर्जुन सिंह। अर्जुन सिंह सिर्फ एक दिन के लिए भी मध्यप्रदेश के सीएम बने चुके हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है कि वह सिर्फ एक ही दिन के लिए सीएम रहे हों, इससे पहले वह पूरे 5 साल मप्र के सीएम रह चुके थे।
अर्जुन सिंह 3 बार रहे CMअर्जुन सिंह पहली बार 1980 में मध्य प्रदेश के सीएम बने। वह 1985 तक सीएम पद पर रहे। उनके नेतृत्व में फिर से चुनाव हुए और कांग्रेस सत्ता में आई। 11 मार्च 1985 को अर्जुन सिंह ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन, एक दिन बाद ही यानी 12 मार्च को उन्हें पंजाब का गवर्नर बनाकर भेज दिया गया। इस कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद उनकी जगह पर मोतीलाल वोरा एमपी के सीएम बने। मोतीलाल वोरा 1985 से 1988 तक सीएम के पद पर आसीन रहे। 1988 में अर्जुन सिंह फिर से राज्य की राजनीति में वापसी करते हुए सीएम बने। वह फरवरी 1989 से दिसंबर 1989 तक सीएम रहे।
राजीव गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में थे मंत्रीचुरहट जागीर के राव घराने में अर्जुन सिंह का जन्म 5 नवंबर, 1930 को हुआ था। अर्जुन सिंह के पिता राव शिवबहादुर सिंह ने 1952 में यहां से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद उनकी विरासत को उनके बेटे अर्जुन सिंह ने आगे बढ़ाया और 3 बार मुख्यमंत्री से लेकर कई बार केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल तक के पदों का सुख भोगा। अर्जुन सिंह राजीव गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में प्रमुख मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य के रूप में अर्जुन सिंह ने राजनीति में अपना कैरियर शुरू किया था। मध्य प्रदेश राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए (1980-85 और 1988-89) चुने गए। साथ ही साथ 1985 में पंजाब के राज्यपाल के रूप में उनका एक संक्षिप्त कार्यकाल रहा।
नरेशचंद्र सिंह 12 दिन तो मंडलोई 21 दिन रहे सीएममध्यप्रदेश में सबसे कम समय तक सीएम रहने वालों में राजा नरेशचंद्र सिंह और भगवंत राव मंडलोई का नाम शामिल है। राजा नरेश चंद्र सिंह 13 मार्च 1967 को राज्य के मुख्यमंत्री बने। इसी महीने 25 मार्च 1967 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इससे पहले भगवंत राव मंडलोई 9 जनवरी को 1957 को राज्य के सीएम बने और 25 जनवरी 1957 को उनका भी इस्तीफा हो गया।
शिवराज का सबसे लंबा कार्यकालमध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अबतक का सबसे लंबा कार्यकाल शिवराज सिंह चौहान का रहा। इस दौरान वे 2005 से 2008 तक पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 2008 से 2013 तक वे दूसरी बार और 2013 से 2018 तक तीसरी बार सीएम बने। उनका यह कार्यकाल करीब 13 वर्षों का रहा। हालांकि, 15 वीं विधानसभा में बहुमत नहीं मिलने के चलते उन्हें 1 साल 3 महीन 3 दिन कमल सिंह के रूप में मुख्यमंत्री देखना पड़ा। पर वो ज्यादा दिन तक कुर्सी से दूर नहीं रह सके। इसके बाद 15वीं विधानसभा में ही 23 मार्च 2020 एक बार फिर चौथी बार शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने जो 16 वीं विधानसभा के आंकड़े आने तक हैं। इसके आगे चुनाव परिणाम तय करेंगे कौन बनेगा राज्य का मुखिया।
आइये जानते हैं कि वो कौन 19 नशीब के धनी व्यक्ति हैं, जिन्हें मध्य प्रदेश की जनता ने राज्य के सत्ता की चाबी सौंपी।
इन लोगों ने संभाली सीएम की कुर्सी 1-पंडित रविशंकर शुक्ल - मध्य प्रदेश की पहली विधानसभा में शुक्ल 1 नवंबर 1956 को सीएम बने और वे 31 दिसंबर 1956 तक इस पद पर आसीन रहे।
2-भगवंतराव मंडलोई - पहली विधानसभा में 9 जनवरी 1975 से 30 जनवरी 1957 तक सीएम रहे। इसके बाद तीसरी विधानसभा के एक बार फिर 12 मार्च 1962 से 29 सितंबर 1963 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे।
3-कैलाशनाथ काटजू - पहली विधानसभा में 31 जनवरी 1957 से 14 अप्रैल 1957 तक सीएम रहे। इसके बाद दूसरी विधानसभा में 15 अप्रैल 1957 से 11 मार्च 1962 तक मुख्यमंत्री रहे।
4-पंडित द्वारिका प्रसाद मिश्र - एमपी में तीसरी विधानसभा के दौरान 30 सितंबर 1963 से लेकर 8 मार्च 1967 तक सीएम रहे। चौथी विधानसभा में 8मार्च 1967 से 29 जुलाई1967 तक पद पर रहने का दोबारा गौरव हासिल किया।
5-विजयाराजे सिंधिया - गोविंद नारायण सिंह के कार्यकाल में विजयाराजे सिंधिया 30 जुलाई 1967 से 12 मार्च 1969 तक सदन की नेता रही थीं। आपको बता दें कि नेता सदन राज्य का मुख्यमंत्री होता है।
6-गोविन्द नारायण सिंह - मध्य प्रदेश की चौथी विधानसभा के दौरान 30 जुलाई 1967 से 12 मार्च 1969 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे।
7-राजा नरेशचंद्र सिंह - मध्य प्रदेश के सीएम के रूप में सबसे छोटा कार्यकाल रहा, 13 मार्च 1969 को सीएम बने और 25 मार्च 1969 तक केवल 13 दिनों तक ही इस उच्च पद पर रह सके।
8-श्यामाचरण शुक्ल - मध्य प्रदेश में चौथी विधानसभा में 26 मार्च 1969 को मुख्यमंत्री बने और फिर 28 जनवरी 1972 तक रहे। पांचवी विधानसभा के दौरान 23 दिसंबर 1975 को मुख्यमंत्री बने और 30 अप्रैल 1977 तक मुख्यमंत्री पद का सुख भोगा।
9-प्रकाश चन्द्र सेठी - चौथी विधानसभा के दौरान सेठी 29 जनवरी 1972 को सीएम बने और 22 मार्च 1972 तक पद पर रहे। इसके बाद पांचवी विधानसभा में वे 23 मार्च 1972 को सीएम बने और 23 दिसंबर 1975 तक रहे।
10-कैलाश जोशी - 6वीं विधानसभा में कैलाश जोशी 24 जून 1977 से 17 जनवरी 1978 तक राज्य के सीएम पद पर विराजमान रहे।
वीरेन्द्र कुमार सखलेचा - 6वीं विधानसभा के दौरान 18 जनवरी 1978 को सखलेचा ने सीएम पद की शपथ ली और 19 जनवरी 1980 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे।
11-वीरेन्द्र कुमार सखलेचा - 6वीं विधानसभा के दौरान 18 जनवरी 1978 को सखलेचा ने सीएम पद की शपथ ली और 19 जनवरी 1980 तक मुख्यमंत्री पद पर रहे।
12-सुंदरलाल पटवा - 6वीं विधानसभा के दौरान 20 जनवरी 1980 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 17 फरवरी 1980 तक केवल 28 दिन तक इस पद पर रहे।
13-अर्जुन सिंह - सातवीं विधानसभा में 1980 से 1985 के बीच पहली बार मुख्यमंत्री बने। इसके बाद आठवीं विधानसभा में 1985 से 1990 तक दूसरी बार सीएम बने। बीच में उन्हें पद छोड़ा और एक बार फिर 14 फरवरी 1988 को सीएम पद की शपथ ली और फिर 21 जनवरी 1989 तक राज्य की कमान संभाली।
14- मोतीलाल वोरा - आठवीं विधानसभा में 25 जनवरी 1989 को सीएम बने और 9 दिसंबर 1989 तक इस पद पर आसीन रहे।
15- दिग्विजय सिंह - दसवीं विधानसभा में पहली बार 1993 से 1998 तक सीएम रहे। इसके बाद 11वीं विधानसभा में 1998 से 2003 तक दूसरी बार सीएम रहे।
16-उमा भारती - मध्य प्रदेश में लंबे समय बाद भाजपा की सरकार बनी, 12वीं विधानसभा में 8 दिसंबर 2023 को वे सीएम बनी और 23 अगस्त 2004 तक पद पर रहीं।
17- बाबूलाल गौर - 12वीं विधानसभा में 23 अगस्त 2004 को सीएम बने और 29 नवंबर 2005 तक इस पद पर रहे।
18- शिवराज सिंह चौहान - चार बार मुख्यमंत्री बने, सीएम के रूप में इनका कार्यकाल सबसे लंबा रहा।
19- कमल नाथ - कांग्रेस के कमलनाथ 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री बने थे, इसके बाद वे 20 मार्च 2020 तक सीएम रह सके।
संविधान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ही सदन का नेता होता है। लेकिन, चतुर्थ विधान सभा में श्री गोविन्द नारायण सिंह के कार्यकाल में श्रीमती विजयाराजे सिंधिया, सदन की नेता रहीं। इस प्रकार से राज्य के प्रथम चुनाव से लेकर अबतक ऊपर दिए गए इन राज नेताओं को मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल हुआ। अब देखना है कि 16 वीं विधानसभा के चुनाव परिणाम किसके सिर पर मुख्यमंत्री का ताज सजाएंगे।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | भोपाल (cities News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें
Delhi Metro केबल चोरी मामला: इन हाईटेक चोरों ने DMRC को लगाया था चूना; ब्लू लाइन पर ठप हो गई थी मेट्रो सेवा
राजस्थान के CM भजनलाल शर्मा के काफिले से टकराई कार, कई सुरक्षाकर्मी घायल
Deoria News: आतिशबाजी की चकाचौंध में बुझ गया घर का चिराग, बारात की खुशी में मासूम की मौत
आज का मौसम, 11 December 2024 IMD Winter Weather Forecast LIVE: पहाड़ों पर बर्फबारी ने बढ़ाई ठंड, यूपी-राजस्थान समेत इन राज्यों में शीतलहर शुरू
...तो मेरी अस्थियां कोर्ट के बाहर गटर में बहा देना, आत्महत्या करने वाले AI इंजीनियर अतुल ने ये अंतिम इच्छा क्यों जताई
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited