MP Expressway: मध्य प्रदेश में खुलने वाले हैं 5 फौलादी एक्सप्रेसवे, निवेश-नौकरियां लेकर आ रहे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर!
MP Expressway Industrial Region: मध्य प्रदेश में एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे औद्योगिक क्रांति लाने की कवायत शुरू कर दी गई है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway), दिल्ली-नागपुर एक्सप्रेसवे (Delhi-Nagpur Expressway) जैसे बड़े हाईटेक मार्गों के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (Industrial Corridor) विकसित होने से बड़ी संख्या में रोजगार (Employment) का सृजन होगा। आइये जानते हैं राज्य से कौन-कौन से बड़े एक्सप्रेसवे निकलने वाले हैं और ये किन शहरों को कवर करेंगे?
एमपी में एक्सप्रेसवे किनारे विकसित होंगे उद्योग
MP Expressway Industrial Region: भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) देश में एक्सप्रेसवे की क्रांति लेकर आई है। यूपी, एमपी समेत देश के तमाम राज्यों को आपस में जोड़ने के लिए बड़ी संख्या में एक्सप्रेसवे और हाइवे (Highway) का निर्माण किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में जहां 15 एक्सप्रेसवे हैं, वहीं एमपी को बड़ी संख्या में हाईटेक सड़कों की सौगात मिल रही है। इनमें ग्रीनफील्ड 6 लेन और 8 लेन सड़कें विकसित की जा रही हैं। अहम बात यह है कि इन एक्सप्रेसवे के किनारे राज्य सरकार इंडस्ट्रियल रीजन (Industrial Region) तैयार करने का प्लान बना चुकी है। जहां बड़ी संख्या में निवेश (Investment) की गुंजाइश बन रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इससे निवेशकों के साथ किसानों को व्यापक सुविधाएं मिलेंगी, जिससे मोटी कमाई का रास्ता भी खुलेगा। फिलहाल, मध्य प्रदेश सरकार ने 5 एक्सप्रेसवे और हाईवे चिन्हित किए हैं, जहां करीब 24 हजार एकड़ में औद्योगिक कॉरिडोर विकसित कर सुविधाएं और रोजगार के साधन उपलब्ध कराना है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
बात अगर, एक्सप्रेसवे की बात करें तो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) क्रांति लाने के लिए तैयार है। यह भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। इससे एमपी के रतलाम, झाबुआ और इंदौर को सीधा लाभ होगा। इन जिलों से गुजर रहे एक्सप्रेसवे के किनारे सरकार ने 4 हजार एकड़ जमीन पर इंडस्ट्रियल क्षेत्र विकसित करने के लिए चिन्हित की गई है। इन तीनों जिलों में चार से पांच औद्योगिक जोन बनाने की तैयारी चल रही है। यह एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजधानी और आर्थिक राजधानी को कनेक्ट करने के साथ निवेश के लिहाज से बड़ी भूमिका निभाएगा। जानकारी के मुताबिक, रतलाम में बड़ा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किया जाएगा।
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जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे |
एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई | 1350 किलोमीटर |
लेन संख्या | 8 से 12 तक बढ़ाई जा सकती है |
लागत | एक लाख करोड़ |
निर्माणकर्ता कंपनी | NHAI |
औद्योगिक जोन की संख्या | 5 |
निर्माण पूरा होने का समय | 2024 |
दूसरा दिल्ली-नागपुर एक्सप्रेसवे (Delhi-Nagpur Expressway) के आसपास इंडस्ट्रियल कॉरिडोर क्षेत्र तैयार करने की योजना बनाई गई है। इनमें सागर, सिवनी और होशंगाबाद का चयन किया गया है। कहा जा रहा सागर जिले में 2 हजार एकड़, सिवनी में 12 सौ एकड़ और होशंगाबाद में 26 सौ एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। यहां बड़ा औद्योगिक हब तैयार करने का प्लान है। यह एक्सप्रेसवे मुरैना, ग्वालियर, भोपाल, नर्मदापुर और बैतूल जिलों से होकर गुजरा है। यहां उद्योग-धंधे विकसित होने से बड़ी संख्या में लोगों रोजगार मुहैया होगा।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | दिल्ली-नागपुर एक्सप्रेसवे |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 330 किमी. (एमपी में) |
एमपी के जिलों की संख्या | 6 |
कहां बनेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर | सागर, सिवनी, होशंगाबाद |
3 जिलों में कुल जमीन अधिग्रहण | 5800 एकड़ |
तीसरा मुंबई-वाराणसी (Mumbai-Varansi Expressway) एक्सप्रेसवे बड़ा औद्योगिक हब बनेगा। इस एक्सप्रेसवे के किनारे 5 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाए जाने का प्रस्ताव है। यह एमपी के बुरहानपुर से लेकर सिंगरौली जिले तक अलग-अलग इलाकों में ये औद्योगिक गलियारे बनाए जाएंगे। इसके लिए राजधानी भोपाल के नजदीक मंडीदीप में 4 हजार, आष्टा में 4 हजार, कटनी में 1400 एकड़, जबलपुर में 1400 एकड़ और रीवा, सतना, सिंगरौली में 4 हजार एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। ये पांच कॉरिडोर राज्य में बड़ा निवेश लेकर आएंगे, जिससे लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा।
भोपाल-देवास हाईवे भी रोजगार का बनेगा साधनभोपाल-देवास हाईवे (Bhopal-Devas Highway) राजधानी भोपाल को आर्थिक राजधानी इंदौर को जोड़ने वाले इस हाइवे किनारे इंडस्ट्रियल टाउन बनाने का प्रस्ताव है। इसके किनारे में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। इसके लिए आष्टा, देवास और शाजापुर में 2 हजार एकड़ जमीन चिन्हित की गई है। यहां औद्योगिक गलियारा बनने से किसानों के साथ बेरोजगार युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिलेगा।
लखनऊ-भोपाल कॉरिडोर
इधर, भोपाल से यूपी के लिए लखनऊ-भोपाल कॉरिडोर (Lucknow-Bhopal Highway) भी तैयार किया जा रहा है, जो उत्तर प्रदेश के कानपुर समेत बुंदेलखड़ के कई जिलों को कनेक्ट करेगा। इसमें कानपुर-सागर फोरलेन हाईवे (Kanpur-Sagar Highway) भी भूमिका निभाएगा। भविष्य में यह कॉरिडोर भी उद्योग-धंधों के लिहाज से बेस्ट साबित होगा।
निवेशकों को मिलेंगी ये सुविधाएं
मध्य प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (Madhya Pradesh State Industrial Development Corporation) इन सभी एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे आसपास 15 एकड़ से 4 हजार तक के इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाने की योजना पर काम कर रहा है। यहां मूलभूत के साथ हाईटेक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। निवशकों के लिए सड़क, बिजली, सीवेज लाइन, ट्रांसपोर्ट, एयरपोर्ट और रेलवे लाइन से कनेक्टिविटी साथ इंडस्ट्रियल टाउन विकसित किए जाएंगे। इन सभी एक्सप्रेसवे और औद्योगिक गलियारे बनाने से राज्य में समृद्धि के रास्ते खुलेंगे। साथ ही रियल स्टेट, फूड, पर्यटन समेत अन्य क्षेत्रों का तेजी से विकास होगा।
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