MP में 'संपदा-2.0' पोर्टल- मोबाइल ऐप का शुभारंभ, देश का पहला राज्य, जहां घर बैठे कर सकेंगे ई-रजिस्ट्री और दस्तावेज सत्यापन

मध्य प्रदेश में ई-रजिस्ट्री और ई-पंजीयन की नवीन प्रणाली पर विकसित "संपदा-2.0" पोर्टल और मोबाइल ऐप का शुभारंभ हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा संपदा-2.0", ऑनलाइन दस्तावेज पंजीयन में डिजिटल क्रांति का माइलस्टोन साबित होगा।

संपदा-2.0' पोर्टल ऐप का शुभारंभ

भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया डिजिटल इंडिया मिशन अब कल्पवृक्ष की तरह आमजन की हर जरूरत पूरी कर रहा है। जीरो बैलेंस खाता, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और ई- रजिस्ट्री जैसे नवाचार ने सभी का जीवन सरल और सुगम बनाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इसी कड़ी में मध्य प्रदेश में नवीन तकनीक पर आधारित "संपदा-2.0" का नवाचार ऑनलाइन दस्तावेज पंजीयन में डिजिटल क्रांति का माइलस्टोन बनेगा। इस नवाचार को पूरा देश फॉलो करेगा। पहले प्रदेश में दस्तावेज पंजीयन और अन्य कार्यों के लिए कार्यालय आना पड़ता था, लेकिन पोर्टल और ऐप के माध्यम से सभी लोग घर से ही इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरूवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में ई-रजिस्ट्री और ई-पंजीयन के नवीन प्रणाली पर विकसित "संपदा-2.0" पोर्टल और मोबाइल ऐप का शुभारंभ कर रहे थे।

पेपरलेस सिस्टम की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश को 2 नए महत्वपूर्ण कार्य सौंपे हैं। इसमें 120 शहरों के जीआईएस कार्य को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से आईटी विभाग द्वारा पूरा किया जाएगा। साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में जीआईएस लैब स्थापित करने जा रहे हैं। इसका लाभ प्रदेश को मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आईटी के क्षेत्र में मध्य प्रदेश बहुत उन्नति कर रहा है। आईटी में नवाचार के साथ मध्यप्रदेश सरकार पेपरलेस सिस्टम की दिशा में कदम बढ़ाएगी।

उन्नत तकनीक पर आधारित सॉफ्टवेयर है संपदा-2.0

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 'संपदा-2.0' की खूबियां बताते हुए कहा कि 'संपदा-2.0' उन्नत तकनीक पर आधारित सॉफ्टवेयर है। इसमें राजस्व वित्त विभाग और नगरीय प्रशासन के साथ जीएसटी और युनिक आईडी आधार से भी इंटीग्रेटेड किया गया है। जमीन की कलेक्टर गाइडलाइन दर ऐप में लोकेशन के माध्यम से मालूम हो सकेगी। सॉफ्टवेयर से संपत्ति की जीआईसी मैपिंग होगी, बायोमैट्रिक पहचान और दस्तावेजों की फॉर्मेटिंग भी होगी। दस्तावेजों के पंजीयन के लिए व्यक्तिगत मौजूदगी की जरूरत नहीं होगी। घर बैठे ही दस्तावेज सत्यापन और पंजीकरण हो सकेगा। दस्तावेज की सॉफ्ट कॉपी व्हाट्सएप और ईमेल से आवेदक को प्राप्त होगी।

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