मध्यप्रदेश में नल-जल ने जीवन को बनाया सरल, 59 लाख से ज्यादा परिवारों तक पहुंचा सप्लाई वॉटर
MP News: मध्यप्रदेश के 73276 विद्यालयों (78 प्रतिशत) में नल से जल पहुंचाया जा चुका है। 12 जिलों के शत-प्रतिशत और 7 जिलों के 90 प्रतिशत से अधिक विद्यालयों में नल-जल सुविधा का विस्तार हो चुका है। साथ ही 42614 आंगनवाड़ी केंद्रों (64 प्रतिशत) में नल-जल सुविधा पहुंच चुकी है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
MP News: मध्यप्रदेश के हर एक घर में सप्लाई वॉटर पहुंचाने का काम युद्धस्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अबतक 59 लाख 7 हजार 373 परिवारों को नल से जल की सुविधा प्राप्त हो चुकी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि हर दिन अनेक गांवों में नल से जल पहुंचाने की सुविधा प्रारंभ हो रही है।
प्रदेश की 2 709 पंचायतों में शत-प्रतिशत नल से जल पहुंच चुका है। इनमें से 1127 पंचायतों को हर घर नल-जल प्रमाणित भी किया जा चुका है। वहीं ग्रामों की बात करें तो 8612 ग्राम शत प्रतिशत नल-जल ग्राम हैं, जिनमें से 3653 ग्रामों को प्रमाणित किया जा चुका हैं। वही 25 हज़ार 290 ग्रामों में कार्य तेज़ी से जारी है।
73 हजार से ज्यादा स्कूलों में पहुंचा सप्लाई वॉटर
योजना के तहत मध्यप्रदेश के 73276 विद्यालयों (78 प्रतिशत) में नल से जल पहुंचाया जा चुका है। 12 जिलों के शत-प्रतिशत और 7 जिलों के 90 प्रतिशत से अधिक विद्यालयों में नल-जल सुविधा का विस्तार हो चुका है। साथ ही 42614 आंगनवाड़ी केंद्रों (64 प्रतिशत) में नल-जल सुविधा पहुंच चुकी है। आठ ज़िलों के शत-प्रतिशत और 9 ज़िलों के 90 प्रतिशत से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों में नल से जल पहुंच चुका है।
31173 गांवों में जल एवं स्वच्छता समिति से सामुदायिक प्रबंधन
जल संसाधनों के उचित उपयोग, बेहतर प्रबंधन और स्त्रोतों के संरक्षण, संवर्धन में जन-भागीदारी का समावेश जल जीवन मिशन का एक महत्वपूर्ण घटक है। योजना में यह परिकल्पना की गई है कि समुदाय ही गांव की जल संबंधित योजना के क्रियान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रख-रखाव में मुख्य भूमिका निभाएगा। साथ ही जल के उचित उपयोग के लिए जन-जागरूकता लाने में ग्रामीणजन की भागीदारी सुनिश्चित करने ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति का प्रावधान है। प्रदेश में अब तक 31173 ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति का गठन किया जा चुका है। इन समितियों द्वारा जल-प्रदाय योजनाओं का संचालन, संधारण और जल कर वसूली कार्य का निर्वहन किया जा रहा है। समितियों में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
जन-सहयोग से ही जल जीवन मिशन के लक्ष्य को योजनाबद्ध तरीके से प्राप्त किया जा सकता है। इसे ध्यान रखते हुए विभाग द्वारा समय-समय पर ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति का उन्मुखीकरण किया जा रहा है। मिशन में ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा किए जाने वाले कार्यों संबंधी, समिति के सदस्यों को उनकी भूमिका एवं कार्य की जानकारी दी जाती हैं। प्रशिक्षण में जल-संरक्षण के तरीके, पेयजल योजनाओं के संचालन-संधारण, खाता संचालन एवं जन-जागरूकता से कार्य करने के संदर्भ में प्रशिक्षित किया जाता है।
नल- जल ने जीवन को बनाया सरल
नल-जल ने ग्रामीणजन के जीवन को सहजता प्रदान की है। शिवपुरी जिले के निजामपुर निवासी श्रीकांत राजपूत की जल जीवन मिशन से पेयजल की समस्या दूर हो गई है। वह बताते हैं कि पहले पानी की बहुत किल्लत होती थी। पानी के लिए हमें एक से डेढ़ किलोमीटर दूर तक जाना पड़ता था। अब नल-जल योजना से यह समस्या दूर हुई है। हर घर नल से जल पहुंचने पर ग्रामीणों में खुशी की लहर है।
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