अफीम का नशा कर रहे तोते, बन गए नशेड़ी! किसान भी हैरान

मंदसौर में तोते बड़ी मात्रा में अफीम की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों ने तोतों के आतंक से बचने के लिए खेतों में प्लास्टिक की जाली लगाई है।

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तोते चट कर रहे अफीम की उपज (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भोपाल/ मंदसौर: अभी तक आपने सुना होगा कि इंसान ही नशा करते हैं। अब ये नशा किसी भी चीज का हो सकता है, जैसे- शराब, सिगरेट,अफीम, चरस और गांजा...। लेकिन क्या आपने सुना है कि तोते भी नशा करते हैं? बात भले ही चौंकाने वाली हो, लेकिन ऐसा सच में हो रहा है और किसान से लेकर विशेषज्ञ भी इससे हैरान हैं।

दरअसल, मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच और तलाम में बड़ी मात्रा में अफीम की खेती होती है। किसान यहां बाकायदा केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग से लाइसेंस लेकर अफीम उगाते हैं, लेकिन अब उनकी फसल पर खतरा मंडरा रहा है। दरअसल, यहां बड़ी मात्रा में तोते फसल को चट कर जा रहे हैं। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।

सरकार को नहीं दे पा रहे उपजकिसानों को अपनी उपज को सरकार को देना होता है, लेकिन तोतों की वजह से अब वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। अगर, ऐसा ज्यादा समय के लिए होता है तो नारकोटिक्स विभाग किसानों का कांट्रेक्ट खत्म कर देता है। ऐसे में किसानों को एक तरफ तोतों से अफीम की खेती बचाने की चिंता है तो दूसरी तरफ कांट्रेक्ट खत्म होने की भी टेंशन है।

प्लास्टिक की नेट लगाकर बचा रहे फसलतोतों से अफीम की फसल बचाने के लिए किसान कई तरीके अपना रहे हैं। इसके तहत वे अपनी उपज पर प्लास्टिक की नेट लगा रहे हैं, इससे उनकी समस्या कुछ हद तक दूर भी हुई है, लेकिन किसान इसका स्थाई समाधान चाहते हैं। दरअसल, किसानों के खेतों में नीलगाय और अन्य अवारा पशुओं का भी खतरा बना रहता है।

कई तरह की दवाएं बनाने में होता है प्रयोगबता दें, अफीम से ह्रदय, रक्त, मनोरोग व नींद की दवाएं बनाई जाती है। सरकार इसी के लिए किसानों को लाइसेंस देती है और उनकी उपज नारकोटिक्स विभाग की देखरेख में होती है। भारत में अफीम की तस्करी पूरी तरह से अवैध है। ऐसा करने पर 10 साल तक की जेल व एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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