'ये भूमि संतों की, सांता की नहीं...', Christmas से पहले बोली VHP- Hindu बच्चों को स्कूल बिन अनुमति न बनाएं सैंटाक्लॉज

VHP on Christmas 2023: दरअसल, अब से लगभग डेढ़ हजार साल पहले संत निकोलस का जन्म हुआ था। उन्हीं को असली सांता और सांता का जनक बताया जाता है। हालांकि, संत निकोलस और जीसस के जन्म का कोई स्पष्ट संबंध नहीं मिलता है, मगर मौजूदा समय में क्रिसमस के आस-पास सांता क्लॉज काफी अहम माने जाते हैं। बच्चे हो या फिर बड़े...सबको उनके बिना क्रिसमस अधूरा और सूना सा मालूम पड़ता है।

स्कूल में क्रिसमस के दौरान सैंटाक्लाज के कॉस्ट्यूम और मास्क में बैठे कुछ बच्चे। (फाइल)

VHP on Christmas 2023: इसाईयों के त्यौहार क्रिसमस से ऐन पहले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कहा है कि यह भारत भूमि संतों की है। ऐसे में स्कूल हिंदू बच्चों को पैरेंट्स की अनुमति बगैर सैंटाक्लॉज न बनाएं। विहिप के मध्य भारत प्रान्त ने इसके साथ ही अपने इलाके में आने वाले मध्य प्रदेश के 16 जिलों के सभी स्कूल्स से यह साफ कर दिया कि अगर कोई स्कूल बात नहीं मानेगा और ऐसा करता है (बच्चों को बगैर पैरेंट्स की मंजूरी सैंटा बनाना) तो उसके खिलाफ परिषद वैधानिक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

प्रान्त के प्रचार प्रसार प्रमुख जितेंद्र चौहान की ओर से सूबे की राजधानी भोपाल में शनिवार (24 दिसंबर, 2022) को इस बाबत एक विज्ञप्ति जारी की गई। बताया गया कि परिषद मध्य भारत प्रान्त के सभी विद्यालयों में जो छात्र सनातन हिंदू धर्म और परंपरा को मानते हैं, उन्हें विद्यालय में होने बाले क्रिसमस के कार्यक्रम में सांताक्लॉज बना रहे हैं। वे क्रिसमस ट्री भी लाने का बोल रहे हैं। यह हमारी हिंदू संस्कृति पर हमला है। यह हिंदू बच्चों को ईसाई धर्म में प्रेरित करने के लिए षड्यंत्र है और आर्थिक रूप से भी ऐसी ड्रेस या पेड़ लाने से अभिभावकों का नुकसान है।

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